पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक बयान में कहा कि यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए जर्मनी स्थित अमेरिका/नाटो सैन्य अड्डे से विमानों के रवाना होने संबंधी संभावना चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि यह अमेरिका को स्पष्ट नहीं है कि इसके लिए क्या ठोस तर्क है. उन्होंने कहा कि अमेरिका इस मामले पर पोलैंड से बात करना जारी रखेगा. पोलैंड ने मंगलवार को कहा कि वह अपने सभी एमआईजी-29 लड़ाकू विमान अमेरिका को देगा ताकि ऐसी व्यवस्था हो सके, जिसके जरिए ये विमान यूक्रेन की सेना तक पहुंचाए जा सकें.
पश्चिमी देश युद्धक विमान मुहैया कराने की यूक्रेन की अपील का जवाब देने के संभावित तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं. ऐसे निर्णय से यूक्रेन का मनोबल बढ़ेगा. यूक्रेन के शहरों पर रूसी हमलों ने मानवीय तबाही बढ़ा दी है. यूक्रेन को विमान मुहैया कराने से युद्ध के और भीषण होने का खतरा भी है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की अवर सचिव विक्टोरिया नुलैंड ने सांसदों से कहा कि उन्हें इस प्रस्ताव के बारे में सीनेट की विदेश मामलों की समिति के समक्ष गवाही के लिए आते समय पता चला. उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक मेरी जानकारी है, तो विमान पहुंचाने के संबंध में उन्होंने हमसे पहले चर्चा नहीं की.’’ यह भी पढ़ें : डब्ल्यूएचओ के अधिकारी ने यूक्रेन संकट को हल करने में स्वास्थ्य, मानवीय सिद्धांतों का आग्रह किया
वाशिंगटन, पोलैंड के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहा है, जिसके तहत पोलैंड यूक्रेन को सोवियत काल के लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करेगा और इसके बदले में अमेरिकी एफ-16 विमान प्राप्त करेगा. यूक्रेनी विमान चालक सोवियत काल के लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए प्रशिक्षित हैं. पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में घोषणा की कि वह जर्मनी में यूएस रैमस्टीन एयर बेस को तुरंत और नि: शुल्क विमान मुहैया कराने के लिए तैयार है.