कोच्चि, सात जुलाई केरल उच्च न्यायालय ने बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल की याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने एक नन द्वारा दायर यौन शोषण के मामले में बरी करने की अपील की थी।
न्यायमूर्ति वी. शिरसी ने जालंधर क्षेत्र के बिशप को निर्देश दिया कि बलात्कार मामले में वह सुनवाई का सामना करे। केरल में उसी क्षेत्र की एक नन ने उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था।
अदालत ने बिशप की याचिका खारिज करते हुए अभियोजन के इस तर्क को स्वीकार किया कि बलात्कार मामले में मुलक्कल के खिलाफ प्रथमदृष्ट्या साक्ष्य मौजूद हैं। इस वर्ष मार्च में निचली अदालत द्वारा बरी किए जाने की याचिका खारिज करने के बाद रोमन कैथोलिक गिरजाघर के वरिष्ठ पादरी ने समीक्षा याचिका दायर की।
बिशप के खिलाफ कोट्टायम जिले में पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज किया था।
उच्च न्यायालय में दायर याचिका में पादरी ने कहा कि जब उन्होंने पीड़िता नन से वित्तीय लेन-देन को लेकर सवाल किया तो उसने उन्हें फंसा दिया।
पुलिस को जून 2018 में दी गई शिकायत में नन ने आरोप लगाए थे कि 2014 से 2016 के बीच बिशप ने उसका यौन शोषण किया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)