श्रीनगर, आठ मार्च नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले विपक्ष पर उलटे पड़ रहे हैं और उनके परिवार को लेकर टीका-टिप्पणियां भी नुकसानदेह साबित हो रही हैं।
उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री का कोई परिवार नहीं होने संबंधी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की टिप्पणी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में यह बयान दिया।
उमर अब्दुल्ला की पार्टी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि ऐसी चीजें उल्टी पड़ती हैं जैसा कि पिछले चुनाव में ‘‘चौकीदार चोर है’’ नारे के साथ हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी ऐसे नारों के पक्ष में नहीं रहता और न ही उनसे हमें फायदा मिलता है। बल्कि जब भी हम ऐसे नारों का इस्तेमाल करते हैं तो इनका प्रतिकूल असर पड़ता है, इससे हमें नुकसान होता है। मतदाता ऐसे नारों से संतुष्ट नहीं होता, वह जानना चाहता है कि आज उसके समक्ष मौजूद मुद्दों से कैसे निपटा जाएगा।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘वह (मतदाता) रोजगार सृजन, कृषि संकट से निपटने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के बारे में जानना चाहता है। वह इन चीजों के बारे में सुनना चाहता है न कि किसी का परिवार है या नहीं।’’
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे नारों से विपक्ष को ही नुकसान होता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब, हमने उन्हें (मोदी) पूरा मौका दे दिया है और उन्होंने यह कहकर इस मौके का फायदा उठाया कि मोदी का परिवार वे लोग हैं जिनका कोई नहीं है। हमारे पास अभी तक इसका कोई जवाब नहीं है।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं बस यह कहूंगा कि हमें ऐसी निजी राजनीति नहीं करनी चाहिए बल्कि जनता के मुद्दे उठाने चाहिए। चौकीदार, अडाणी-अंबानी, राफेल, परिवार...ये चीजें काम नहीं आती हैं।’’
नेकां के आगामी लोकसभा चुनाव में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के लिए घाटी में कोई सीट न छोड़ने और इसका ‘इंडिया’ गठबंधन पर असर से जुड़े एक सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि स्थिति को देखते हुए पीडीपी के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी गयी है।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘पीडीपी पिछले संसदीय चुनाव में तीसरे नंबर पर आयी और यह कैसे उचित है कि पहले या दूसरे नंबर पर आने वाली पार्टी सीट पर दावा छोड़ देगी और उसे तीसरे नंबर पर रही पार्टी को दे देगी? साथ ही, मुझे उस सीट (दक्षिण कश्मीर-राजौरी) पर भाजपा का कोई प्रभाव नहीं दिखता है।’’
उन्होंने कहा कि जहां तक गठबंधन का संबंध है तो इसे बनाए रखना प्रत्येक पार्टी की जिम्मेदारी है।
नेकां नेता ने कहा, ‘‘आपने हमसे उनके लिए सीट के बारे में पूछा लेकिन जब वे अपने ट्वीट के जरिए या सोशल मीडिया पर नेकां को निशाना बनाते हैं, तब आप उनसे नहीं पूछते कि क्या यह गठबंधन धर्म है...जब पाकिस्तान में चुनाव होता है, तब भी नेकां पर निशाना साधा जाता है। उन्होंने ट्विटर पर कहा था कि पाकिस्तान चुनाव में जो हुआ, उसने लोगों को यहां 1987 में हुए चुनाव की याद दिला दी। क्या यह गठबंधन धर्म है?’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि गुलाम नबी आजाद ने किसके प्रभाव में आकर फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा लेकिन पीडीपी ने भी अपने आप को इसमें शामिल कर लिया और नेकां पर निशाना साधा। उन्होंने आजाद के साथ मिलकर ट्विटर के जरिए फारूक अब्दुल्ला और नेकां पर निशाना साधा और आप हमसे पूछते है कि गठबंधन धर्म कहां है।’’
बहरहाल, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पर पीडीपी के हमलों के बावजूद नेकां ने कांग्रेस से कहा है कि वह केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन के वास्ते दरवाजा खुला रखने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, पहले हम आगामी संसदीय चुनाव में उनका (पीडीपी) रुख देखेंगे।’’
नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा की है और राष्ट्रीय दल जम्मू क्षेत्र में दो सीट पर चुनाव लड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें उधमपुर और जम्मू सीट से अपने उम्मीदवार खड़े करने के लिए कहा है। हमने उन्हें यह भी बताया है कि नेकां लद्दाख सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी लेकिन हमारा प्रयास वहां सर्वसम्मति से ऐसा उम्मीदवार खड़ा करने का होना चाहिए जो भाजपा से सीट हासिल कर सके।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि अगर उन्हें ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने से पहले पता होता कि गठबंधन के किसी अन्य सदस्य की खातिर उन्हें अपनी पार्टी को ‘कमजोर’ करना पड़ेगा, तो ‘‘शायद मैं गठबंधन में कभी शामिल नहीं होता।’’
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