ऋषिकेश, 20 जून उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पराग मधुकर धकाते ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सर्पदुली रेंज के बाहरी हिस्से में इंसानों के लिए आफत बन गए बाघ को पिंजड़े में रखने की अनुमति दे दी है।
आदमखोर बाघ को बेहोश कर उसे पकड़ने के बाद पशु चिकित्सक व अन्य अधिकारियों की समिति की रिपोर्ट के आधार पर बाघ के भविष्य के बारे में फैसला किया जाएगा ।
रिजर्व के निदेशक नरेश कुमार ने बताया कि बाघ पर नजर रखने के लिए 24 घण्टे गश्त की जा रही है, जिसके लिए कॉर्बेट के ढिकाला पर्यटन क्षेत्र से वन विभाग के दो पालतू हाथी धनगढ़ी पहुंच गए हैं । उन्होंने बताया कि रात में चार पहिया वाहन से गश्त की जा रही है।
निदेशक ने कहा कि धनगढ़ी के नजदीक ही सुंदरखाल और मोहान क्षेत्रों की आबादी को देखते हुए यथासंभव सतर्कता बरती जा रही है ताकि जान—माल के नुकसान से बचा जा सके ।
इस वर्ष सात फरवरी को बाघ ने एक विक्षिप्त व्यक्ति को अपना निवाला बनाया था जिसके बाद उसने फिर 15 जून को एक मजदूर खलील को मोटर साइकिल से गिराकर खाया । इसके दो दिन बाद 17 जून को बाघ ने फिर श्रमिक बॉबी पर जानलेवा हमला किया जिससे उसके फेफड़ों में छेद हो गए । बॉबी को उपचार के लिए दिल्ली एम्स भेजा गया है ।
कुमार ने बताया कि बाघ का रिहायशी और कॉर्बेट के बाहरी हिस्से में बने रहना एक खतरा बना हुआ है और कॉर्बेट प्रशासन ने अपनी क्षमताओं का बड़ा हिस्सा किसी अनहोनी को टालने पर लगा रखा है।
उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों से जंगल की तरफ नहीं जाने की गुजारिश की गयी है वहीं पूरे रिजर्व क्षेत्र में बिना बन्दूक के आने जाने पर रोक लगा दी है और दो पहिया वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)