बारी (इटली), 14 जून : प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में भारत में दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विशाल पैमाने को रेखांकित करने के लिए कुछ आंकड़े भी साझा किए. यह प्रक्रिया 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में संपन्न हुई. मतों की गिनती चार जून को हुई. उन्होंने कृत्रिम मेधा, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर एक संवाद सत्र को संबोधित किया. इस सत्र को पोप फ्रांसिस सहित अन्य देशों के नेताओं ने भी संबोधित किया.
मोदी ने कहा, ‘‘भारत के लोगों ने इस ऐतिहासिक जीत के रूप में जो आशीर्वाद दिया है, वह लोकतंत्र की जीत है.’’ उन्होंने कहा कि यह पूरे लोकतांत्रिक विश्व की ‘‘जीत’’ है. मोदी ने कहा, ‘‘पदभार संभालने के कुछ ही दिनों बाद, मित्रों, मैं आपके बीच उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्न हूं.’’ जी-7 शिखर सम्मेलन इटली में अपुलिया के बोर्गो एग्नाज़िया में आयोजित किया जा रहा है. मोदी ने कहा कि भारत में आम चुनाव में 2,600 से अधिक राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया तथा 10 लाख से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में 50 लाख से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें प्रयुक्त हुईं तथा डेढ़ करोड़ मतदान कर्मचारी तैनात किये गए और लगभग 97 करोड़ मतदाता थे जिनमें से 64 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. यह भी पढ़ें : कुवैत अग्निकांड: नायडू ने आंध्र प्रदेश के मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के सर्वव्यापी उपयोग से चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी. प्रधानमंत्री ने कहा, "इतने बड़े चुनाव के नतीजे भी कुछ ही घंटों में घोषित कर दिए गए." मोदी ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह विश्व में लोकतंत्र और मानवता के इतिहास का सबसे बड़ा उत्सव है. उन्होंने कहा, "यह मेरा सौभाग्य है कि भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है. पिछले छह दशकों में भारत में ऐसा पहली बार हुआ है."