देश की खबरें | ‘जेल से रिहा’ किए गए लोग भाजपा के ‘‘छद्म सहयोगी’’ हैं: फारूक अब्दुल्ला

श्रीनगर, 11 सितंबर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उन लोगों को हराने के लिए एकजुट होना चाहिए जिन्हें चुनाव में भाग लेने के लिए ‘‘जेलों से रिहा किया जा रहा है।’’

फारूक ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन आसान नहीं था, लेकिन जम्मू-कश्मीर की पहचान बचाने के लिए यह जरूरी था। उन्होंने प्रशासन में ‘‘बाहरी लोगों’’ की नियुक्ति का मुद्दा भी उठाया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सोने का समय नहीं है। मैं जानता हूं कि फसलें (कटाई के लिए) तैयार हैं, लेकिन आपको एक दिन के लिए इस काम को टालना होगा और वोट देने के लिए बाहर निकलना होगा। हमें फूल (कमल) और जेल से रिहा हुए अन्य लोगों को हराना है। भगवान के लिए मुझे बताओ, उन्हें रिहा क्यों किया गया?’’

अब्दुल्ला ने यहां से 52 किलोमीटर दूर अनंतनाग शहर में कांग्रेस-नेकां गठबंधन उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित रैली में कहा, ‘‘कल तक वे सलाखों के पीछे थे। वे (भाजपा) जेल में बंद लोगों का इस्तेमाल मुसलमानों के दमन के लिए करना चाहते हैं। दुर्भाग्य से, उन्हें यह एहसास नहीं है कि उनके लिए जहन्नुम में एक खास जगह है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी रैली को संबोधित किया।

अब्दुल्ला ने केंद्र में भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी किसी प्रधानमंत्री को ऐसा भाषण देते नहीं सुना। जब वह कहते हैं कि हिंदू महिलाओं का मंगलसूत्र छीन लिया जाएगा तो वह नफरत फैलाते हैं। फिर वह कहते हैं कि मुसलमान अधिक बच्चे पैदा करते हैं।’’

फारूक ने कहा, ‘‘भारत को कौन सी बात एकजुट रखती है? यह समानता और भाईचारा है। जब तक यह फूल (भाजपा का प्रतीक) भारत में है, तब तक देश मजबूत नहीं होगा। उनके द्वारा पैदा की गई दरारों के कारण देश को नुकसान उठाना पड़ेगा।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर कहा, ‘‘यह गठबंधन करना आसान नहीं था, यह मुश्किल था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, इस राज्य को बचाने और इसकी पहचान की रक्षा के लिए यह जरूरी था। आज सवाल यह है कि क्या जम्मू-कश्मीर के लोग सम्मान और गरिमा के साथ रह सकते हैं।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि मौजूदा चुनाव में केवल सरकार बनाने या विकास का सवाल नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के अस्तित्व का सवाल है।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां भाजपा के कई छद्म सहयोगी हैं और वे चाहते हैं कि हम गुलाम बने रहें। आज सवाल यह नहीं है कि सरकार कौन बनाएगा या यह विकास का सवाल नहीं है। सवाल यह है कि हम बचेंगे या नहीं। हमारे युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही, सभी बाहर से आ रहे हैं। सभी डीसी और एसपी बाहर से हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सचिवालय भी बाहरी लोगों से भरा हुआ है। वे इस जगह और हमारी जरूरतों के बारे में क्या जानते हैं?’’

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