Wayanad Landslide: भूस्खलन की घटना के बाद यहां के एक स्वास्थ्य केंद्र में शवों की कतार के बीच लोग अपने प्रियजनों को ढूंढते नजर आए. परिजनों के शव देखकर जहां कुछ लोग फूट-फूटकर रोने लगे, वहीं किसी अपने का शव इनमें ना पाकर उनके सकुशल होने की आस में कुछ ने राहत की सांस ली. वायनाड जिले के मेप्पाडी गांव के एक स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मंगलवार को कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला.
जिले में हुए भूस्खलन की घटनाओं में 70 लोगों की मौत हुई है. कई लोग घायल हैं. अब तक दो लोगों को मलबे से जीवित निकाला गया है. लगभग 250 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
स्वास्थ्य केंद्र पहुंची एक युवती ने रुंधे गले से बताया कि भूस्खलन के बाद उसके परिवार के पांच सदस्य लापता हैं, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं. उसने बताया कि वह यह पता लगाने अस्पताल आई है कि कहीं किसी ने उसके परिजनों को यहां तो भर्ती नहीं कराया है. युवती ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि कहां जाऊं और कहां उनकी तलाश करूं. हमारे दो बच्चे भी लापता हैं. समझ नहीं आ रहा कि हम क्या करें?’’ यह भी पढ़ें: Wayanad Landslides: वायनाड लैंडस्लाइड में अब तक 93 लोगों की मौत, सीएम विजयन ने दिया लेटेस्ट अपडेट; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
अस्पताल में रखे शवों में, अपने भाई का शव पाकर एक व्यक्ति बदहवास हो गया और वहां मौजूद लोगों ने उसे ढांढस बंधाया. एक स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि वह अपने कुछ परिचित लोगों की तलाश कर रही हैं जिनमें 12 वर्षीय लड़की समेत चार लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘उनके कुछ रिश्तेदारों ने मुझे सुबह फोन कर बताया कि पूरा परिवार लापता है और उनका घर भी ढह गया है. मैं यहां अभी तक उनमें से किसी को भी ढूंढ नहीं पाई हूं.’’
अबूबकर नाम का दिव्यांग व्यक्ति अपने लापता भाई और परिवार की तलाश में अस्पताल के एक कमरे से दूसरे कमरे में भटकता रहा. उन्होंने कहा, ‘‘भारी बारिश होने के चलते सोमवार को मैं, मेरी पत्नी और मेरा बेटा मेरी बहन के घर चले गए थे. लेकिन हमारे घर के पास ही रहने वाले मेरे भाई और उसका परिवार वहीं रुक गया और अब उनका कुछ अता-पता नहीं चल पा रहा है.’’ हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि वे जरूर कहीं सुरक्षित होंगे और किसी ने उन्हें बचा लिया होगा.
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