नयी दिल्ली, 12 मार्च: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि लोग आयुर्वेद के लाभों और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इसकी भूमिका को महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा को और भी अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए अनुकूल है. ‘ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल 2021’ के चौथे संस्करण का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को एक समग्र मानव विज्ञान के रूप में वर्णित किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संस्कृति प्रकृति और पर्यावरण को जो सम्मान देती है, उससे आयुर्वेद का गहरा नाता है. इसे पौधों से लेकर आपकी प्लेटों तक एक समग्र मानव विज्ञान के रूप में वर्णित किया जा सकता है.’’ Nagaland: कोरोना संकट के बीच नागालैंड सरकार का बड़ा फैसला, फिर से खुलेंगे प्राथमिक स्कूल और सिनेमाघर.
मोदी ने कोविड-19 महामारी के संदर्भ में कहा कि वर्तमान स्थिति आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्तर पर और भी अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए उपयुक्त है. उन्होंने कहा, ‘‘आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के लिए धन्यवाद...कोरोना संकट के वक्त हमें लोक कल्याण का अवसर नहीं खोना चाहिए. आज युवा आयुर्वेदिक उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग कर रहे हैं. यह साक्ष्य आधारित चिकित्सा विज्ञान के साथ आयुर्वेद को एकीकृत करने की चेतना है.’’
मोदी ने कहा, ‘‘सरकार की ओर से मैं आयुर्वेद की दुनिया को पूरा समर्थन देने का भरोसा देता हूं. भारत ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की स्थापना की है. आयुष चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन शुरू किया गया है, जिसमें किफायती आयुष सेवाएं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में ‘ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रैडिशनल मेडिसिन’ की स्थापना की भी घोषणा की है.
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