
नयी दिल्ली, 10 फरवरी माता-पिता और यौन संबंधों पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया द्वारा की गईं आपत्तिजनक टिप्पणियों की सोमवार को व्यापक पैमाने पर आलोचना होने के बाद यूट्यूबर ने माफी मांगी और कहा कि उन्हें ‘कॉमेडी’ नहीं आती।
टिप्पणियों को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित कई नेताओं, कार्यकर्ताओं, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं एवं अन्य लोगों ने नाराजगी जताई तथा उन्हें अशिष्ट, अश्लील एवं आपत्तिजनक बताया।
रणवीर ने हास्य कलाकार समय रैना के यूट्यूब रियलिटी कार्यक्रम 'इंडियाज गॉट लैटेंट' में एक प्रतियोगी से उसके माता-पिता और यौन संबंधों को लेकर सवाल करते हुए एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिसके कारण कई लोगों ने उनके ‘पॉडकास्ट’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की है। यह कार्यक्रम अपनी तीखी और आपत्तिजनक विषय-वस्तु के कारण कुछ वर्गों के बीच लोकप्रिय है।
रणवीर इलाहाबादिया के ‘एक्स’ पर छह लाख से अधिक, इंस्टाग्राम पर 45 लाख से अधिक ‘फॉलोअर’ और यूट्यूब चैनल पर 1.05 करोड़ ‘सब्सक्राइबर’ हैं।
इलाहाबादिया ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट कर अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगी और स्वीकार किया कि उनकी टिप्पणी न केवल अनुचित थी, बल्कि मजाकिया भी नहीं थी।
इलाहाबादिया ने ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा, ‘‘मुझे कॉमेडी नहीं आती। मैं बस माफी मांगने आया हूं। आपमें से कई लोगों ने पूछा कि क्या मैं अपने मंच का इस्तेमाल इस तरह करना चाहता हूं। इस मंच का बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है और इस पूरे अनुभव से मैंने यही सीखा है। मैं वादा करता हूं कि मैं और बेहतर बनूंगा... मुझे उम्मीद है कि आप एक इंसान के तौर पर मुझे माफ कर देंगे।’’
जैसे ही उनकी टिप्पणी और जोरदार ठहाकों की क्लिप वायरल हुई, इलाहाबादिया और रैना का शो तेजी से ‘ट्रेंड’ करने वाला विषय बन गया तथा इस बात पर तीखी बहस शुरू हो गई कि शालीनता क्या है और ‘कॉमेडी’ क्या है।
मुंबई में इलाहाबादिया और शो से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने शहर की पुलिस और बांद्रा अदालत में दो मामले दर्ज कराए।
गुवाहाटी पुलिस ने भी सोमवार को इलाहाबादिया और चार अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।
इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इलाहाबादिया की आपत्तिजनक टिप्पणी से उपजे विवाद के बीच सोमवार को यूट्यूब से ‘‘तत्काल कदम उठाने’’ और उस एपिसोड को हटाने को कहा जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने अपने पत्र में कहा कि आयोग को एक शिकायत मिली है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि समय रैना द्वारा प्रस्तुत यूट्यूब शो 'इंडियाज गॉट लैटेंट' में भारतीय समाज के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक, अनुचित और अश्लील टिप्पणियां हैं।
यह पत्र भारत में यूट्यूब के सार्वजनिक नीति प्रमुख को लिखा गया है।
उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘शिकायत में शो में नकारात्मकता, भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण, धार्मिक और सांस्कृतिक असहिष्णुता, तथा महिलाओं और बच्चों के प्रति अपमानजनक और अश्लील विचारधाराओं के प्रचार-प्रसार के बारे में चिंता व्यक्त की गई है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में शो भ्रामक संदेशों के साथ अश्लील सामग्री का प्रसार करता है, जिससे समाज में भ्रष्ट मानसिकता को बढ़ावा मिलता है।’’
इसमें लिखा है कि यह सामग्री भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम और अन्य लागू कानूनों के तहत विभिन्न कानूनी प्रावधानों का ‘‘प्रथम दृष्टया उल्लंघन करती प्रतीत होती है।’’
पत्र में कहा गया कि इसके अलावा, यह आरोप लगाया गया है कि यह शो भारत के संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता और महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा और सम्मान से संबंधित मौलिक अधिकारों का ‘‘गंभीर उल्लंघन’’ करता है।
इसमें कहा गया कि शिकायत की एक प्रति पत्र के साथ संलग्न की गई है। कानूनगो ने पत्र में लिखा, ‘‘इसके अतिरिक्त, आयोग को कुछ लिंक मिले हैं जो संकेत देते हैं कि उक्त शो के एक हालिया एपिसोड में यूट्यूबर्स बच्चों और महिलाओं के बारे में अश्लील बयान दे रहे हैं। ये बयान न केवल बेहद आपत्तिजनक हैं, बल्कि महिला और बाल अधिकारों का गंभीर उल्लंघन भी हैं। यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक सहित व्यापक रूप से सुलभ मंचों पर ऐसी सामग्री की उपलब्धता महिलाओं सहित बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।’’
उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने ‘‘मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 12 के तहत इस मुद्दे का संज्ञान लिया है।’’
पत्र में कहा गया, ‘‘उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए, आपको यूट्यूब से संबंधित एपिसोड/वीडियो को हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है। ऐसी सामग्री को हटाने से पहले, आपको आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को चैनल और विशिष्ट वीडियो का विवरण भी प्रस्तुत करना होगा, जहां प्राथमिकी दर्ज की गई है।’’
आयोग ने कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी है।
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने सोमवार को ऐसे कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, जो ‘‘लगातार आपत्तिजनक और अश्लील टिप्पणियों के कारण युवाओं के दिमाग को प्रभावित कर सकते हैं।’’
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी केंद्र से विभिन्न ‘ओवर-द-टॉप’ (ओटीटी) मंचों और सोशल मीडिया ‘स्ट्रीमिंग साइट’ पर अश्लील ‘कंटेंट’ (सामग्री) के बढ़ते चलन से संबंधित गंभीर चिंताओं के समाधान के लिए तत्काल नियामकीय उपाय करने को कहा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यद्यपि उन्होंने उक्त क्लिप नहीं देखी है, फिर भी वह लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं के बारे में आगाह करते हैं।
फडणवीस ने सोमवार को मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है लेकिन हमारी स्वतंत्रता तब समाप्त हो जाती है जब हम दूसरों की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करते हैं...। हमारे समाज में कुछ नियम बनाए गए हैं, अगर कोई उनका उल्लंघन करता है तो यह बिल्कुल गलत है। उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’’
कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं ने भी इलाहाबादिया की टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
लेखक-कहानीकार नीलेश मिश्रा, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुवेर्दी समेत कई हस्तियों ने इलाहाबादिया की टिप्पणी की निंदा की।
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