जरुरी जानकारी | देश में पामतेल का आयात मार्च में 56.50 प्रतिशत बढ़ा

नयी दिल्ली, 14 अप्रैल भारत में पाम तेल का आयात इस साल मार्च में 56.50 प्रतिशत बढ़कर 5,26,463 टन हो गया, क्योंकि तेल रिफायनिंग कंपनियां सूरजमुखी तेल महंगा पड़ने के कारण उसका आयात करने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

दुनिया के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार भारत ने मार्च 2020 में 3,36,392 टन पाम तेल का आयात किया था।

देश का कुल वनस्पति तेल आयात मार्च 2021 में मामूली रूप से बढ़कर 9,80,243 टन हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 9,55,422 टन था।

देश के कुल वनस्पति तेल के आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी 60 फीसदी से अधिक की है।

एसईए के अनुसार, सूरजमुखी के तेल की ऊंची कीमतों के कारण खाद्यतेल रिफाइनिंग कंपनियों ने मार्च के दौरान अधिक मात्रा में पामतेल की खरीद की।

एसईए के आंकड़ों के अनुसार, पाम तेल उत्पादों में, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात इस साल मार्च में बढ़कर 5,06,533 टन हो गया जो साल भर पहले की समान अवधि में 2,95,577 टन था।

कच्चे पाम कर्नेल तेल (सीपीकेओ) का आयात इसी अवधि में पहले के 9,965 टन से बढ़कर 17,430 टन हो गया।

जबकि आरबीडी पामोलिन का आयात इस साल मार्च में घटकर 2,500 टन रह गया, जो एक साल पहले 30,850 टन था।

हल्के तेलों में, सूरजमुखी के तेल का आयात मार्च में घटकर 1,46,970 टन रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 2,95,387 टन था।

इसी तरह सोयाबीन का आयात पहले के 2,92,996 टन से मामूली घटकर 2,85,200 टन रह गई।

एसईए ने कहा कि आने वाले महीनों में, 85-90 लाख टन की घरेलू सरसों की फसल, और कच्ची घानी और रिफाइंड सरसों के तेल की भारी मांग खाद्य तेलों के आयात पर अंकुश लगायेगा।

भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है, तथा कच्चे हल्के तेल की थोड़ी सी मात्रा के रूप में अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है।

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