विदेश की खबरें | फलस्तीनी प्रधानमंत्री ने कहा: इजराइल का लक्ष्य फलस्तीनी प्राधिकरण को अस्थिर करना
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

हाल के दिनों में इजराइल ने फलस्तीनी कर राजस्व के लाखों डॉलर के भुगमान को रोक रखा है, फलस्तीनी अधिकारियों को अति विशिष्ट अधिकारों से वंचित कर दिया है। रविवार को इजराइल के सुरक्षा मंत्री ने फलस्तीनी झंडे के सार्वजनिक प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी।

फलस्तीनी प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की मदद की फलस्तीनी अपील के जवाब में इजराइल द्वारा उठाये गये कदमों का ‘‘लक्ष्य प्राधिकरण को अस्थिर करना तथा वित्तीय एवं संगठनात्मक दृष्टि से उसके विघटन की ओर धकेलना है।’’

अपनी साप्ताहिक मंत्रिमंडलीय बैठक के दौरान उन्होंने कहा, ‘ हम इन कदमों को फलस्तीनी लोगों, उनकी क्षमता और फंड के विरूद्ध नया युद्ध मानते हैं, यह राष्ट्रीय प्राधिकार, उसकी उत्तरजीविता एवं उपलब्धियों के खिलाफ एक लड़ाई है।’’

कब्जे वाले पश्चिमी तट और पूर्वी यरूशलम में इजराइली नीतियों की वैधता पर संयुक्त राष्ट्र संघ के शीर्षतम न्यायिक निकाय से राय मांगने के संयुक्त राष्ट्र महासभा के फैसले के जवाब में इजरायल ने ये कदम उठाये हैं।

इजराइल ने फलस्तीन समर्थित (संयुक्त राष्ट्र के) इस कदम का जबर्दस्त विरोध किया है। वैसे तो अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले बाध्यकारी नहीं है लेकिन उसके गहरे प्रभाव हो सकते हैं।

शतयेह ने इजराइल के इस दावे को खारिज कर दिया कि ऐसे कदम शांति के विरूद्ध हैं।

सोमवार को हारेज अखबार में प्रकाशित एक बयान में उन्होंने कहा, ‘‘ हमें दुनिया से शिकायत करने और उसे यह बताने का हक है कि हम परेशानी में हैं। इजराइल कब्जे के विरूद्ध संघर्ष के सबसे अहिंसक तरीके को भी रोकना चाहता है।’’

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