Yasin Malik की बिगड़ती सेहत पर पाकिस्तान ने भारतीय उप राजदूत को तलब किया
यासीन मलिक (Photo Credit : Twitter)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारत के उप राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब किया और कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति पर इस्लामाबाद की चिंता व्यक्त करते हुए एक आपत्तिपत्र सौंपा. दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद मलिक ने 22 जुलाई को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी. मलिक चाहता है कि सरकार रूबैया सईद अपहरण मामले की सुनवाई कर रही जम्मू की एक अदालत में उसे भौतिक रूप से पेश होने की इजाजत दे लेकिन भारत सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी. मलिक इस मामले में आरोपी है.

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख को रक्तचाप में उतार-चढ़ाव के बाद बुधवार को राजधानी दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय राजनयिक को मलिक को “कम से कम तीन दशक पहले हुई घटनाओं के इर्द-गिर्द गढ़े गए दो और फर्जी मामलों” में भारतीय अधिकारियों के नवीनतम कदम पर पाकिस्तान की गहरी निराशा के बारे में बताया गया. यह भी पढ़े: Court Sentence For Yasin Malik: उम्रकैद या फांसी? यासीन मलिक को आज सजा सुना सकती है दिल्ली की कोर्ट

इसमें कहा गया, “यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक की ओर से भारतीय प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र भी उप राजदूत को सौंपा गया.पत्र में उनके पति की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए जेल से तत्काल रिहाई की मांग की गई है।” पत्र में कहा गया कि मलिक की सेहत इस महीने की शुरुआत में भूख-हड़ताल पर जाने के उनके फैसले के बाद से और खराब हो गई है.

दिल्ली की एक अदालत ने मई में जम्मू-कश्मीर के प्रमुख अलगाववादी नेताओं में से एक मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि अपराधी का इरादा “भारत के विचार के दिल” पर हमला करना और जम्मू-कश्मीर को भारत संघ से जबरदस्ती अलग करना था.

विदेश कार्यालय के बयान में कहा गया कि स्थिति की तात्कालिकता और मलिक के तेजी से बिगड़ते स्वास्थ्य संकेतकों को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार से उसे फौरन चिकित्सा देखभाल प्रदान करने, तुरंत जेल से रिहा करने, उसकी "भ्रामक" सजा को रद्द करने और उसके खिलाफ अन्य सभी मामलों को वापस लेने का आग्रह किया गया है

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