Death Sentence For Yasin Malik: NIA ने JKLF प्रमुख और कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए दिल्ली HC का रुख किया है. मलिक को निचली अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
यासीन मलिक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच सोमवार को सुनवाई करेगी. कश्मीरी पंडित पिछले 30 सालों से आतंकवादी यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग कर रहे हैं. मलिक पर भारतीय वायु सेना के चार जवानों की हत्या करने और रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की, जिसे आतंकी फंडिंग मामले में दोषी ठहराया गया था.
एनआईए ने तर्क दिया कि मलिक "भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा" था और वह कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों का "मास्टरमाइंड" किया था. एजेंसी ने यह भी कहा कि मलिक ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए "विदेशों से धन प्राप्त किया" था. मलिक के वकीलों ने तर्क दिया है कि मलिक एक "राजनीतिक कैदी" हैं और उन्हें मानवीय आधार पर रिहा किया जाना चाहिए.
#Breaking NIA moves Delhi HC seeking death sentence for JKLF Chief and Kashmiri separatist leader Yasin Malik.
Malik was sentence to life imprisonment by the trial court in a terror funding case. #DelhiHighCourt @NIA_India #TerrorFunding pic.twitter.com/IKZRFvJ5Qi
— Bar & Bench (@barandbench) May 26, 2023
यासीन मलिक जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख है, जो एक अलगाववादी समूह है जो भारत से कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए लड़ रहा है. मलिक को 2019 में गिरफ्तार किया गया था और उस पर आतंकी फंडिंग और अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया था. उसे 2022 में आरोपों के लिए दोषी ठहराया गया. मलिक के लिए मौत की सजा मांगने के एनआईए के कदम का कुछ लोगों ने स्वागत किया है, जो मानते हैं कि वह एक "आतंकवादी" है जो सजा पाने का हकदार है.