इस्लामाबाद, 9 जनवरी: जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पिछले साल नौ मई को रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर हुए हमले से जुड़े एक मामले में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी की ये कार्रवाई सिफर (राजनयिक केबल लीक) मामले में उनका रिहाई आदेश जारी होने के तुरंत बाद की गई. रावलपिंडी में एक आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान को मंगलवार को नौ मई की हिंसा संबंधी मामलों में तलब किया था, जो पहले से ही सिफर और भ्रष्टाचार के मामलों में जेल में बंद हैं.
खान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत की कार्यवाही में शामिल हुए क्योंकि सुरक्षा चिंताओं के कारण उन्हें अडियाला जेल अधिकारियों द्वारा अदालत में पेश नहीं किया जा सका. एटीसी के न्यायाधीश ऐजाज आसिफ ने खान और अन्य के खिलाफ नौ मई की हिंसा से जुड़े कम से कम 12 मामलों की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान, रॉयल आर्टिलरी बाजार पुलिस थाने के पुलिस प्रमुख ने अदालत को सूचित किया कि खान को सेना मुख्यालय पर हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया क्योंकि वह मामले में आरोपी हैं.
सुनवाई के दौरान पुलिस ने इस मामले में 71 वर्षीय खान की रिमांड का अनुरोध किया, लेकिन न्यायाधीश ने अनुरोध को खारिज कर दिया और पुलिस को जेल में ही खान से पूछताछ का निर्देश दिया. इसमें कहा गया है कि न्यायाधीश ने पुलिस को खान से अदियाला जेल में पूछताछ करने का निर्देश दिया. सोमवार को गोपनीयता अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत ने सिफर मामले में खान की रिहाई के आदेश जारी किए थे.
न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने खान की रिहाई का आदेश जारी करते हुए कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री की जमानत मंजूर कर ली गई है और यदि वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. नौ मई, 2023 को इस्लामाबाद में भ्रष्टाचार के एक मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. इस दौरान रावलपिंडी में सेना मुख्यालय सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठान और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ व आगजनी की गई.
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