मुंबई, 27 अक्टूबर बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड को सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी, कोलकाता की वह रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है, जिसके आधार पर राज्य सरकार ने जॉनसन बेबी पाउडर उत्पादन से संबंधित मुलुंड निर्माण इकाई का कॉस्मेटिक विनिर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया था।
न्यायमूर्ति एन जे जामदार और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की अवकाशकालीन पीठ ने बुधवार को राज्य सरकार के दो आदेशों के खिलाफ कंपनी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया।
एक आदेश 15 सितम्बर का था, जिसके जरिये लाइसेंस रद्द कर दिया गया था और दूसरा आदेश 20 सितंबर को जारी किया गया था, जिसके तहत बेबी जॉनसन पाउडर के उत्पादन और बिक्री तत्काल रोकने का आदेश दिया गया था।
राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के संयुक्त आयुक्त और लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा आदेश पारित किए गए थे।
सरकार ने अपने आदेश सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी की रिपोर्ट के आधार पर किए, जिसमें पाया गया कि पाउडर में पीएच का निर्धारित स्तर मानक से अधिक है।
कंपनी ने पहले महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री के समक्ष आदेशों को चुनौती दी, जो अपीलीय प्राधिकारी हैं।
मंत्री ने 19 अक्टूबर को लाइसेंस रद्द करने के आदेश को बरकरार रखा, जिसके बाद कंपनी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
कंपनी ने अपनी याचिका में कहा है कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए आदेश पारित किए गए।
इसमें कहा गया है कि उपनगरीय मुलुंड में अपनी निर्माण इकाई बंद होने से कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है।
अदालत ने राज्य सरकार को कंपनी को रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 10 नवंबर की तारीख तय करते हुए सरकार को अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
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