ताजा खबरें | लोकसभा में पेगासस मामला सहित अन्य मुद्दों पर विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली, पांच अगस्त पेगासस जासूसी मामला, केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग और कुछ अन्य मुद्दों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को लोकसभा की कार्यवाही चार बार के स्थगन के बाद शाम करीब पांच बजकर पांच मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

सदन में हंगामे के बीच ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021’ और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया।

इससे पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तोक्यो ओलंपिक में भारत की पुरुष हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने और स्टार मुक्केबाज लवलीना के महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) में कांस्य पदक जीतने पर प्रसन्नता जताई। सदन ने भारतीय खिलाड़ियों के इस गौरवपूर्ण प्रदर्शन पर बधाई दी।

इसके बाद अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया और कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य पेगासस जासूसी मामला और किसानों के मुद्दे पर हाथों में पोस्टर लेकर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए। हंगामे के बीच करीब आधे घंटे तक प्रश्नकाल चलाया गया।

इस दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने नारे लगा रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि देश की जनता चाहती है संसद चले....नियमों से चले। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आप जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, वह उचित नहीं। जनता कहती है कि हमारे करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं तो संसद चलनी चाहिए। आप अपने स्थान पर जाकर बैठें और सदन की कार्यवाही चलने दें।’’

हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

दोपहर 12 बजे कार्यवाही फिर से आरंभ होने पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दिल्ली में नौ वर्षीय बच्ची के साथ कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या का मुद्दा का उठाया और कहा कि वह निंदा प्रस्ताव लाना चाहते हैं।

इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बच्ची के माता-पिता की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा कर कानून का उल्लंघन किया है जिसकी निंदा होनी चाहिए।

इसके बाद विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

बैठक पुन: शुरू होने पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया।

इस दौरान, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सदस्य एन. के. प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के मनीष तिवारी ने हंगामे के बीच विधेयक पेश किये जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था बनने पर ही विधेयक पेश होना चाहिए।

हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति काकोली घोष दस्तीदार ने बैठक कुछ ही मिनट बाद शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी। शाम चार बजे बैठक फिर से शुरू हुई तो सुबह की तरह ही विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और पीठासीन सभापति रमा देवी ने कुछ ही मिनट बाद कार्यवाही शाम पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

शाम पांच बजे बैठक शुरू हुई तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया। हंगामे के बीच विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए सदन में कांग्रेस के नेता चौधरी ने कहा कि सरकार को पहले पेगासस मामले पर चर्चा करानी चाहिए और इस तरह से पूरक कार्यसूची में विधेयक लाकर शोर-शराबे के बीच पेश कराना ठीक नहीं है।

पीठासीन सभापति रमा देवी ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने को कहा, लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ और कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

गत 19 जुलाई को मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी मामला और केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों समेत अन्य मुद्दों पर नारेबाजी कर रहे हैं। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित रही है।

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