नयी दिल्ली, 19 दिसंबर संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बयान दिए जाने और सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग पर मंगलवार को राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर विपक्ष ने संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग दोहराई। इस दौरान विपक्ष के कुछ सदस्य आसन के समीप आ गए और नारेबाजी करने लगे।
सदन में हंगामा देखते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने बैठक अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और फिर शून्य काल आरंभ कराने की कोशिश की। इस दौरान कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले अपने-अपने मुद्दे उठाना चाह रहे थे। सभापति ने इसकी अनुमति नहीं दी।
इस दौरान सदन में मौजूद कुछ विपक्षी सदस्य ‘गृह मंत्री सदन में आओ, सदन में आकर जवाब दो’ जैसे नारे लगा रहे थे। कुछ विपक्षी सदस्य अपने साथियों का निलंबन वापस लेने की भी मांग कर रहे थे।
सभापति ने सदस्यों से अपने स्थान पर बैठने और कार्यवाही का संचालन सुचारू रूप से होने देने का अनुरोध किया। हंगामे के बीच उन्होंने सदन को बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत कुल चार नोटिस मिले हैं जो स्वीकार किए जाने योग्य नहीं हैं।
हंगामा जारी रहने पर धनखड़ ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्य शाह के बयान की मांग पुन: करने लगे।
इसी दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने एक वरिष्ठ सांसद द्वारा सदन के बाहर ‘असंसदीय’ आचरण किए जाने का उल्लेख किया और इसे अस्वीकार्य करार देते हुए गहरी आपत्ति दर्ज कराई।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ देर पहले एक टीवी चैनल पर देखा... गिरावट की कोई हद नहीं है... एक बड़े नेता, एक सांसद के असंसदीय व्यवहार का वीडियो बना रहे थे... आपसे भी बहुत बड़े नेता है... मैं तो यही कह सकता हूं कि उन्हें सद्बुद्धि आए... कुछ तो सीमा होती होगी... कुछ जगह तो बख्शो।’’
जब एक सदस्य ने इस बारे में विस्तार से जानना चाहा तो धनखड़ ने कहा कि राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष का कार्यालय बहुत अलग है वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों के बीच आपसी टीका-टिप्पणी होती ही रहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कल्पना करिए, आपकी पार्टी का एक बड़ा नेता... वरिष्ठ नेता... एक दूसरी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य की वीडियोग्राफी कर रहा है। राज्यसभा के सभापति की मिमिक्री (नकल) कर रहा है, लोकसभा अध्यक्ष की मिमिक्री कर रहा है। कितनी गलत बात है... कितनी शर्मिंदगी भरी बात है। यह अस्वीकार्य है।’’
इसी दौरान कुछ विपक्षी सदस्य शाह के बयान की मांग करने लगे।
धनखड़ ने इसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान की मांग पर विपक्ष के अड़े रहने के बाद सोमवार को लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 45 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था।
सोमवार की कार्रवाई के बाद इस मुद्दे पर पिछले बृहस्पतिवार से दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) सदस्य संजय सिंह को 24 जुलाई को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।
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