महिलाओं को 3,000 रुपये मासिक सहायता का आश्वासन देकर विपक्ष ‘धोखा’ दे रहा: अजित पवार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि महाविकास आघाड़ी (एमवीए) 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी गठबंधन के सत्ता में आने पर राज्य की महिलाओं को 3,000 रुपये प्रति माह देने का वादा कर “धोखा” दे रहा है.
पुणे, 7 नवंबर : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि महाविकास आघाड़ी (एमवीए) 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी गठबंधन के सत्ता में आने पर राज्य की महिलाओं को 3,000 रुपये प्रति माह देने का वादा कर “धोखा” दे रहा है. यहां पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता पवार ने कहा कि जब महायुति सरकार ने लाड़की बहिन योजना के तहत महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह देने की पेशकश की थी, तो विपक्ष ने इसकी व्यवहार्यता पर सवाल उठाया था. उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) वाले एमवीए गठबंधन ने बुधवार को महाराष्ट्र में महिलाओं को 3,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया.
एमवीए की ‘गारंटी’ पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा कि विपक्ष ऐसे वादे करके “धोखा” दे रहा है. उन्होंने कहा कि लाड़की बहिन योजना के तहत 1,500 रुपये (प्रति माह) देने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि यह संभव था. उन्होंने कहा, “आज अगर वे महिलाओं को 3,000 रुपये प्रति माह देने का दावा करते हैं, तो खर्च 90,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. वे बेरोजगार युवाओं को 4,000 रुपये प्रति माह देने का भी वादा कर रहे हैं, और अगर एक लाख बेरोजगार युवा लाभान्वित होते हैं, तो उस योजना पर खर्च लगभग 40,000 करोड़ रुपये होगा.” उप मुख्यमंत्री ने कहा, “इसलिए इन दोनों योजनाओं के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी, जबकि राज्य का बजट 7 लाख करोड़ रुपए है. वे वेतन, पेंशन और ऋण पर ब्याज का प्रबंधन कैसे करेंगे?” यह भी पढ़ें : सनातन और संतों के काम में आने वाली बाधाओं को संघ के स्वयंसेवक डंडा लेकर दूर करेंगे : मोहन भागवत
राज्य सरकारों के ऐसे वादों पर आरबीआई की कथित चिंता के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, “यह उनकी राय है क्योंकि वे राज्य के वित्त को अपने नजरिए से देखते हैं. हम जन प्रतिनिधि हैं और जनहितैषी सरकार चलाते समय हमें हाशिए पर पड़े लोगों को भी साथ लेकर चलना होता है.”
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पुणे जिले में उनकी बारामती विधानसभा सीट पर उनके लिए कोई सार्वजनिक रैली करेंगे, अजित पवार ने कहा, “नहीं. मैं बारामती में किसी की रैली नहीं चाहता. इसके बजाय, (राज्य के) अन्य हिस्सों में रैलियां आयोजित करना अधिक महत्वपूर्ण है.”
अपने चाचा शरद पवार के बारामती के गोविंदबाग स्थित आवास पर उनके परिवार द्वारा आयोजित दिवाली पड़वा समारोह में शामिल नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भीड़ को आकर्षित करने के लिए एक अलग कार्यक्रम आयोजित किया था. उन्होंने कहा, “ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि लोग हमसे मिलने के बाद जल्दी घर जा सकें और इस घटना का कोई अन्य अर्थ निकालने की आवश्यकता न रहे.”
शरद पवार द्वारा राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद संसदीय राजनीति से संन्यास लेने के संकेत के बारे में पूछे जाने पर अजित पवार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. उपमुख्यमंत्री ने हालांकि कहा कि उनका पिछला अनुभव “अलग” था, उन्होंने वरिष्ठ पवार द्वारा मई 2023 में पार्टी प्रमुख के पद से हटने की पेशकश की, लेकिन बाद में पद पर बने रहने की ओर इशारा किया. एक सवाल के जवाब में अजित पवार ने कहा कि वह राकांपा उम्मीदवार नवाब मलिक की चुनावी रैली में शामिल होंगे क्योंकि उनकी पार्टी ने उन्हें मुंबई की मानखुर्द-शिवाजीनगर सीट से टिकट दिया है. उन्होंने कहा, “उनके खिलाफ केवल आरोप लगाए गए हैं, आरोप साबित होने से पहले उन्हें दोषी कैसे ठहराया जा सकता है?” उल्लेखनीय है कि राकांपा की सहयोगी भाजपा ने मलिक के लिए प्रचार नहीं करने का निर्णय लिया है, जिन्हें धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और उन पर भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के करीबी लोगों के साथ संबंध रखने का भी आरोप है.