नयी दिल्ली, 30 मार्च लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पूर्व सैनिकों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) का विषय उठाया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीति के चलते आज लाखों पूर्व सैनिक ओआरओपी के लाभ से वंचित हैं।
शून्यकाल इस विषय को उठाते हुए चौधरी ने कहा कि 17 फरवरी, 2014 को सदन में तत्कालीन संप्रग सरकार ने कहा था कि कोश्यारी समिति की सिफरिशों के अनुसार ओआरओपी आरंभ किया जा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा फौजियों के नाम पर वोट लेती है, लेकिन उस पार्टी के कारण आज लाखों पूर्व सैनिकों को लाभ नहीं मिल रहा है।
चौधरी आरोप लगाया, ‘‘ओआरओपी का वर्तमान सरकार ने अदालत में विरोध किया। इससे साबित हो गया कि ये लोग फौजियों के साथ नहीं हैं।’’
वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के अलवर में एक नाबालिग बच्ची से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार का विषय उठाया और सीबीआई जांच की मांग की।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक विधायक के बेटे पर आरोप लगा है और पुलिस कह रही है कि जांच हो रही है लेकिन हमारी मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच की जाए।
उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि इस मामले में पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती।
शून्यकाल में द्रमुक के डीएम कथिर आनंद ने कहा कि केंद्र सरकार को तमिलनाडु के हिस्से का बकाया निधि जल्द जारी करनी चाहिए।
वहीं, माकपा सांसद ए एम आरिफ ने कहा कि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) को मालाबार विद्रोह में शामिल लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों की सूची में शामिल करना चाहिए।
शून्यकाल में भाजपा सांसद सी पी जोशी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
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