चंद्रपुर, 17 सितंबर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने रविवार को मांग की कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे या उनके उपमुख्यमंत्री दो दिनों के भीतर चंद्रपुर का दौरा करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भूख हड़ताल पर बैठे एक ओबीसी नेता का विरोध समाप्त कराया जाये ।
राष्ट्रीय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महासंघ के कार्यकर्ता रवींद्र टोंगे मराठों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने के किसी भी प्रयास के विरोध में 11 सितंबर से अनशन कर रहे हैं।
वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य सरकार को ओबीसी नेताओं को (मराठों को ओबीसी श्रेणी में नहीं लाने पर) लिखित आश्वासन देना चाहिए और इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए।
ओबीसी श्रेणी में मराठों को शामिल करने के विरोध में चंद्रपुर में एक रैली आयोजित किये जाने के बाद कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्र से आरक्षण की मौजूदा 50 प्रतिशत की सीमा के संबंध में एक संवैधानिक संशोधन लाने और आरक्षण मुद्दे को सुलझाने की मांग की।
वडेट्टीवार ने दावा किया कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा में वृद्धि की मांग की है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्रयों को ओबीसी नेताओं से बातचीत करने के लिए चंद्रपुर का दौरा करना चाहिए और नेता से दो दिनों के भीतर अपनी भूख हड़ताल वापस लेने की अपील करनी चाहिए।’’
मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने मांग की है कि मराठों को कुनबी दर्जा दिया जाए, जिसका प्रभावी अर्थ ओबीसी कोटा के तहत उनका समावेश करना है। जरांगे ने 16 दिनों तक भूख हड़ताल करने के बाद 14 सितंबर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आश्वासन के बाद इसे वापस ले लिया था ।
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