जम्मू, 22 अप्रैल जम्मू के बाहरी इलाके में शुक्रवार तड़के सेना के शिविर के समीप आतंकवादियों के सीआईएसएफ की एक बस को निशाना बनाए जाने के बाद अर्द्धसैन्य बल का एक जवान शहीद हो गया और नौ अन्य घायल हो गया। हमले के बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सुंजवां में मुठभेड़ ऐसे वक्त में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांबा जिले में प्रस्तावित दौरे के मद्देनजर दो दिन पहले से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों ने बताया कि 15 कर्मियों को सुबह की ड्यूटी के लिए लेकर जा रही बस पर चड्ढा कैम्प इलाके के समीप सुबह चार बजकर 25 मिनट पर हमला कर दिया गया।
अर्द्धसैन्य बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने बस पर गोलियां चलायी और ग्रेनेड फेंका, जिसमें सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) एस पी पाटिल की मौत हो गयी और बस में बैठे दो अन्य लोग घायल हो गए। सुरक्षाबलों ने भी उचित जवाब दिया।
सीआरएसएफ अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में एक आतंकवादी भी मारा गया है।
बहरहाल, पुलिस के अनुसार मुठभेड़ तब शुरू हुई जब आतंकवादियों ने एक तलाश दल पर गोलियां चलायी।
जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने बताया कि मुठभेड़ तब शुरू हुई जब पुलिस के विशेष अभियान समूह और सीआरपीएफ ने इलाके में संयुक्त तलाश अभियान शुरू किया।
मुठभेड़ स्थल पर पहुंचे सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें सूचना मिली थी कि आतंकवादी (प्रधानमंत्री के दौरे की पूर्व संध्या पर) कुछ करने की योजना बना रहे हैं। इस सूचना के आधार पर इलाके की घेराबंदी की गयी और इस दौरान तलाश दल पर गोलियां चलायी गयी, जिसमें एक जवान की मौत हो गयी और चार अन्य को चोटें आयी हैं।’’
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ अभी चल रही तथा विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
एडीजीपी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वे एक घर में छिपे हैं। व्यापक तलाशी के बाद जानकारियां साझा की जाएगी।’’
अधिकारियों ने बताया कि दो पुलिसकर्मी समेत सुरक्षा बलों के कुल नौ जवान घायल हुए हैं और उन्हें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) अस्पताल ले जाया गया है।
एहतियाती कदम के तौर पर इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी हैं और स्कूल दिन भर के लिए बंद कर दिए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सुंजवां सैन्य अड्डे से सटे एक इलाके में कम से कम दो सशस्त्र आतंकवादी फंस गए हैं। ये आतंकवादी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन से जुड़े बताए जाते हैं और इनकी शहर में एक बड़ा हमला करने की योजना थी।
जेईएम के तीन आतंकवादी 10 फरवरी 2018 को सुंजवां सैन्य शिविर में घुस गए थे और इसके बाद मुठभेड़ में छह जवान समेत सात लोग मारे गए थे। तीनों आतंकवादी भी मार गिराए गए थे।
गौरतलब है कि 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री का यहां से 17 किलोमीटर दूर पाली गांव में एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है। यह अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी का जम्मू-कश्मीर में पहला दौरा है।
उन्होंने जम्मू मंडल के राजौरी में 27 अक्टूबर 2019 को और नौशेरा सेक्टर में तीन नवंबर 2021 को सेना के जवानों के साथ दिवाली मनायी थी।
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