नयी दिल्ली, 16 दिसंबर भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग और पर्यावरण अनुकूल उपायों वाली अर्थव्यवस्था (सर्कुलर इकनॉमी) से देश में 2050 तक 2,000 अरब डॉलर का बाजार मूल्य और एक करोड़ नौकरियां सृजित हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि ‘सर्कुलर’ अर्थव्यवस्था वृद्धि को गति देने वाली हो सकती है। यह बदलाव न केवल लागत बचत में मददगार है बल्कि देश को वैश्विक ‘सर्कुलर’ अर्थव्यवस्था के स्तर पर इसका लाभ उठाने की स्थिति में भी लाता है।
कांत ने कहा, ‘‘यह एक बहुत बड़ा अवसर है, क्योंकि 2050 तक, भारत की ‘सर्कुलर’ अर्थव्यवस्था 2,000 अरब डॉलर से अधिक का बाजार मूल्य और करीब एक करोड़ नौकरियां सृजित कर सकती है।’’
वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3,700 अरब डॉलर है।
उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण और शहरीकरण एक अस्थिर भारत का निर्माण कर रहे हैं, ऐसे में हमें उम्मीद की किरण के रूप में ‘सर्कुलर’ अर्थव्यवस्था की आवश्यकता है।
देश के प्राकृतिक संसाधन तेजी से खत्म हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भारी मात्रा में कचरा भी पैदा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत प्रतिदिन लगभग 1.6 लाख टन ठोस अपशिष्ट पैदा कर रहा है। इसको देखते हुए एक ऐसे मॉडल की ओर बढ़ने की आवश्यकता है जो आर्थिक विकास के लिए संसाधनों के बेतरतीब दोहन पर अंकुश लगाता है।
कांत ने कहा, ‘‘सर्कुलर मॉडल न केवल अपशिष्ट और पर्यावरणीय नुकसान को कम करता है बल्कि नए आर्थिक अवसर भी पैदा करता है।’’
उन्होंने कहा कि देश में ‘सर्कुलर’ अर्थव्यवस्था में बदलाव के लिए सभी क्षेत्रों में एक सोच-विचारकर और समन्वित प्रयास की आवश्यकता है।
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