विदेश की खबरें | गुब्बारा नष्ट किए जाने पर चीन ने कहा- ‘मजबूती से अपने हितों की रक्षा करेंगे’

पहले से दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर तनाव है। गुब्बारा प्रकरण के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस सप्ताह बीजिंग का अपना दौरा रद्द कर दिया, जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा था।

चीन का दावा है कि यह मौसम विज्ञान अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला गुब्बारा था, लेकिन उसने यह बताने से इनकार कर दिया कि यह किस सरकारी विभाग या कंपनी का था।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को दोहराया कि मानव रहित ‘‘एयरशिप’’ (गुब्बारे) से कोई खतरा नहीं था और यह भटककर अमेरिकी हवाई क्षेत्र में पहुंचा। माओ ने मामले में ‘जरूरत से ज्यादा टिप्पणी करने’ और तट से दूर अटलांटिक महासागर में शनिवार को गुब्बारे को मार गिराने के लिए अमेरिका की आलोचना की।

यह पूछे जाने पर कि क्या चीन मलबा वापस चाहता है, उन्होंने केवल इतना कहा कि गुब्बारा ‘‘चीन का था।’’ माओ ने कहा, ‘‘गुब्बारा अमेरिका का नहीं था। चीन सरकार अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करना जारी रखेगी।’’

शुरुआत में चीन ने गुब्बारे के अमेरिकी हवाई क्षेत्र में पहुंचने पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि यह भटककर वहां पहुंचा तथा अमेरिकी क्षेत्र में इसके पहुंचने पर अफसोस प्रकट किया। बाद में चीन ने अमेरिका के बारे में कड़ी टिप्पणी की। ताइवान, व्यापार, प्रौद्योगिकी प्रतिबंध, और दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे के चलते दोनों देशों में पहले से तनाव है।

चीन ने कहा है कि उसने बीजिंग में अमेरिकी दूतावास के समक्ष एक औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें वाशिंगटन पर ‘‘जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया’’ करने और अंतरराष्ट्रीय कानून, नियम-कायदे की भावना का गंभीर उल्लंघन करने’’ का आरोप लगाया।

जापान से कोस्टा रिका समेत अन्य देशों में भी ऐसे गुब्बारे दिखे जिसके चीन के होने का संदेह है या पुष्टि हुई है। ताइवान में मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि रहस्यमयी सफेद गुब्बारों को पिछले दो वर्षों में कम से कम तीन बार क्षेत्र में देखा गया।

ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कभी भी इन गुब्बारों का जुड़ाव चीन से नहीं बताया। हालांकि अमेरिका में चीनी गुब्बारा की मौजूदगी के बाद इन क्षेत्रों में पूर्व में दिखे गुब्बारों को लेकर बहस शुरू हो गई है।

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