नयी दिल्ली, 31 दिसंबर वर्ष 2023 में समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में हुई हिंसा की कुल घटनाओं में से लगभग 77 प्रतिशत घटनाएं मणिपुर में हुईं। गृह मंत्रालय की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी।
मणिपुर, बहुसंख्यक मेइती समुदाय और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से जातीय हिंसा का गवाह रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण हिंसक घटनाओं में वृद्धि देखी गई और इसके परिणामस्वरूप 2022 की तुलना में नागरिकों व सुरक्षा बलों के कर्मियों के हताहत होने की संख्या में वृद्धि हुई।
गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में पूर्वोत्तर क्षेत्र में हुई कुल हिंसक घटनाओं में से लगभग 77 प्रतिशत घटनाएं मणिपुर में हुईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वोत्तर में हुई कुल 243 हिंसक घटनाओं में से 187 घटनाएं मणिपुर में हुईं। मणिपुर में आतंकवाद रोधी अभियानों के परिणामस्वरूप 33 उग्रवादी मारे गए और 184 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया, साथ ही 49 हथियार बरामद किए गए। इसके अलावा, उग्रवादी संगठनों के 80 उग्रवादियों ने 31 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया।
मणिपुर में तीन मई, 2023 को मेइती और कुकी समुदायों के बीच बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़क उठी, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए, घायल हुए और आगजनी की घटनाएं हुईं।
गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए तत्काल और निरंतर कई कदम उठाये।
मणिपुर के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सेना और असम राइफल्स की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती, हेलीकॉप्टर व ड्रोन तैनात कर और एकीकृत कमांड सिस्टम लागू करके तत्काल कदम उठाये गये।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 मई से एक जून 2023 तक यात्रा के दौरान सरकारी अधिकारियों, सुरक्षा बलों के अधिकारियों, नेताओं और नागरिक संगठनों के 100 से अधिक सदस्यों के साथ 15 से अधिक बैठकें कीं।
अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में अब तक हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
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