आनलाइन मेडिकल परामर्श मंच पर लॉकडाउन के दौरान तादाद बढ़ी
जमात

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल ऑनलाइन चिकित्सकीय परामर्श लेने वालों की संख्या लॉकडाउन के दौरान बहुत बढ़ गयी है और कुछ मरीजों ने तो आरोप लगाया है कि कुछ डाक्टरों ने संकट की इस घड़ी में अपनी फीस बढ़ा दी है।

टायर टू और थ्री के शहरों से ऑनलाइन सेवा पाने वालों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गयी है क्योंकि लॉकडाउन तथा संक्रमित होने के डर से नियमित मरीज अस्पताल नहीं जा रहे हैं।

मेडिकल टेलीकंसलटेंसी स्टार्ट-अप प्रैक्टो ने बताया कि एक मार्च से उसके मंच पर उपयोगकर्ताओं की संख्या हर सप्ताह शत प्रतिशत बढ जा रही है और 50 फीसद से अधिक का संबंध कोविड-19 से होता है।

ज्वर, खांसी, सर्दी जुकाम, गले में खराश, बदन दर्द सबंधी प्रश्न 200 फीसद बढ़ गये हैं। इस तरह के सवाल करने वाले ज्यादातर लोग 25 से 40 साल वाले होते हैं।

प्रैक्टो के सह संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशांक एन डी ने कहा, ‘‘ऑनलाइन परामर्श का इस्तेमाल करने वालों की संख्या काफी बढ़ी है। ... उनमें करीब 40 फीसद टायर टू और थ्री शहरों से हैं।’’

एक मरीज ने पहचान नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा कि वह पहले जिस डॉक्टर से दिखाते थे, उन्होंने संकट की इस घड़ी में फीस दोगुना कर दी है।

हालांकि एक डॉक्टर ने पहचान नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा कि करीब सभी डॉक्टर कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों की अथक सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई डॉक्टर मुफ्त परामर्श दे रहे हैं , कुछ ने फीस बढ़ा दी हो क्योंकि उनके पास बहुत कम मरीज होंगे।

आईएमए अध्यक्ष राजन शर्मा ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को घर पर उपचार प्रदान करने की आड़ में टेलीमेडिसीन प्रैक्टिस पर बड़ा एतराज है और हमने सरकार के सामने इस संबंध में अपना एतराज रखा भी है।

उन्होंने कहा कि चूंकि सरकार ने टेलीमेडिसीन प्रैक्टिस दिशानिर्देश जारी किये हैं, आईएमए ने अपनी नीति के तहत सभी सदस्यों को अपने सभी मरीजों को मुक्त परामर्श देने को कहा है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)