विशाखापत्तनम, आठ जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि आंध प्रदेश अपनी नवोन्मेषी प्रकृति के कारण सूचना और प्रौद्योगिकी का इतना बड़ा केंद्र बना है लेकिन अब समय है कि दक्षिण का यह महत्वपूर्ण राज्य नयी भविष्योन्मुखी प्रौद्योगिकी का केंद्र बने।
प्रधानमंत्री ने यहां हरित ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही।
वर्ष 2024 में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद मोदी की राज्य की यह पहली यात्रा थी। आंध्र प्रदेश में तेदेपा, भाजपा और जनसेना के गठजोड़ ने केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की मौजूदगी में डिजिटल माध्यम से विशाखापत्तनम के पास पुदीमदका में अत्याधुनिक एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की हरित हाइड्रोजन हब परियोजना की आधारशिला भी रखी। यह राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत पहला हरित हाइड्रोजन हब है।
मोदी ने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश अपनी नवोन्मेषी प्रकृति के कारण सूचना और प्रौद्योगिकी का इतना बड़ा केंद्र है। अब समय है कि आंध्र नयी भविष्योन्मुखी प्रौद्योगिकी का केंद्र बने। हमें उभरती हुई तकनीकों का नेतृत्व करना चाहिए, जैसे कि हरित हाइड्रोजन का उपयोग, जो भविष्य का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।’’
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया था और हमारा लक्ष्य 2030 तक 50 लाख मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए शुरुआत में दो हरित हाइड्रोजन हब शुरू किए जाएंगे, जिनमें से एक केन्द्र विशाखापट्टनम में स्थापित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में विशाखापत्तनम दुनिया के उन गिने-चुने शहरों में होगा, जहां इतने बड़े स्तर पर हरित हाइड्रोजन उत्पादन की सुविधा होगी।
उन्होंने कहा कि इस हरित हाइड्रोजन केंद्र से नौकरी के अनेक अवसर पैदा होंगे और साथ ही आंध्र प्रदेश में विनिर्माण परितंत्र भी विकसित होगा।
इस परियोजना में लगभग 1,85,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसमें 20 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमताओं में निवेश शामिल होगा, जिससे यह भारत की सबसे बड़ी एकीकृत हरित हाइड्रोजन उत्पादन सुविधाओं में से एक बन जाएगी। इसमें 1500 टीपीडी हरित हाइड्रोजन और 7500 टीपीडी हरित हाइड्रोजन उप-उत्पाद का उत्पादन करने की क्षमता होगी।
आंध्र प्रदेश को संभावनाओं और अवसरों का राज्य करार देते हुए मोदी ने कहा कि ये संभावनाएं जब साकार होंगी तो आंध्र भी विकसित बनेगा और तभी भारत भी विकसित राष्ट्र बनेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आंध्र का विकास हमारा दृष्टिकोण है। आंध्र प्रदेश के लोगों की सेवा हमारा संकल्प है।’’
प्रधानमंत्री ने अनकापल्ली जिले के नक्कापल्ली में ‘बल्क ड्रग पार्क’ की नींव भी रखी।
उन्होंने इसका उल्लेख करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश देश के उन तीन राज्यों में से एक है, जहां इस तरह के पार्क की स्थापना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस पार्क में विनिर्माण और शोध के लिए बेहतरीन संरचना तैयार की जाएगी, जिससे निवेशकों का उत्साह बढ़ेगा और यहां की फार्मा कंपनियों को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने इसके अलावा आंध्र प्रदेश में 19,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेलवे और सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास और उद्घाटन किया। इनमें अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ विशाखापत्तनम में दक्षिण तट रेलवे मुख्यालय की आधारशिला रखना शामिल है।
मोदी ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया, वे आंध्र प्रदेश के विकास को नई ऊंचाई देंगे।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में 2047 तक राज्य को करीब-करीब 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है और इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने ‘स्वर्ण आंध्र 2047’ की पहल की है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें केंद्र की राजग सरकार भी आंध्र प्रदेश के हर लक्ष्य के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। इसलिए केंद्र सरकार लाखों करोड़ की योजनाओं में आंध्र को विशेष प्राथमिकता दे रही है।’’
प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में चेन्नई बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे के तहत कृष्णापटनम औद्योगिक क्षेत्र (केआरआईएस सिटी) की आधारशिला भी रखी। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत एक प्रमुख परियोजना, कृष्णापटनम औद्योगिक क्षेत्र (केआरआईएस सिटी) की परिकल्पना एक ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट सिटी के रूप में की गयी है।
उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमारी सरकार शहरीकरण को एक अवसर के रूप में देखती है। हम आंध्र प्रदेश को नए जमाने के शहरीकरण का उदाहरण बनाना चाहते हैं। उसी दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए आज केआरआईएस सिटी का शिलान्यास किया गया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार समुद्र से जुड़े अवसरों के पूरे इस्तेमाल के लिए ‘नीली अर्थव्यवस्था’ को मिशन मोड में बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘आंध्र के मछली उत्पादन से जुड़े भाई-बहनों की आय और व्यवसाय बढ़े... हम इस दिशा में पूरी संवेदनशीलता से काम कर रहे हैं। हमने मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई है। हम समुद्र में सुरक्षा के लिए भी अहम कदम उठा रहे हैं।
नीली अर्थव्यवस्था का तात्पर्य समुद्री संसाधनों का टिकाऊ तरीके से उपयोग करना है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री नायडू और उपमुख्यमंत्री कल्याण के साथ यहां एक रोड शो किया।
रोडशो के दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और खुले वाहन पर सवार नेताओं पर फूल बरसाए तथा हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया।
पूरा मार्ग तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनसेना पार्टी के झंडों से पटा हुआ था।
बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम में संपत विनायक मंदिर से शुरू हुआ रोड शो आंध्र विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान में समाप्त हुआ।
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