नयी दिल्ली, तीन जून कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रही कलह को दूर करने के मकसद से गठित समिति से मुलाकात के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदेश में पार्टी के भीतर कोई झगड़ा नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों एवं रणनीति को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष पेश होने के बाद तिवारी ने संवादादाताओं से कहा, ‘‘ पंजाब कांग्रेस में कोई झगड़ा नही है। जहां तक समिति के साथ बातचीत सवाल है तो वह गोपनीय है। जो भी उन्होंने पूछा मैंने जवाब उनके समक्ष रख दिया है।’’
लोकसभा सदस्य तिवारी ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘पंजाब कांग्रेस में कोई अंतर्कलह नही है। ये पार्टी की प्रथा और परंपरा रही है कि जिस राज्य में चुनाव होने वाले हैं, वहां क्या रणनीति होनी चाहिए, क्या मुद्दे होने चाहिए, जनता के समक्ष क्या बातें रखनी चहिए, उन पर विचार विमर्श होता है। ये पहली बार और आखिरी बार नही हो रहा है।’’
इस समिति ने बुधवार को राज्य के कई सांसदों और पूर्व प्रदेश अध्यक्षों से मुलाकात कर उनकी राय ली थी।
खड़गे की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय समिति के समक्ष सोमवार और मंगलवार को करीब 50 मंत्रियों, सांसदों एवं विधायकों ने अपनी बात रखी थी।
पिछले तीन दिनों में राज्य के 80 से अधिक कांग्रेस नेता इस समिति के समक्ष पेश होकर अपनी बात रख चुके हैं। इनमें से अधिकतर विधायक हैं।
खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं।
गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
सिद्धू ने मंगलवार को इस समिति से मुलाकात कर अपने विचार रखे थे। समिति से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि ‘‘सत्य प्रताड़ित हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं हो सकता।’’
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