जयपुर, 23 अगस्त राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे राज्य सरकारों को विकास कार्यों के उद्घाटन कार्यक्रमों से दरकिनार करने का अधिकार नहीं है।
प्रधानमंत्री के हाल ही में सीकर में विभिन्न विकास कार्यों के उद्घाटन के संबोधन का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि न तो केन्द्र और नाहीं प्रधानमंत्री को राज्यों के अधिकारों का हनन करने का अधिकार है।
गहलोत ने अपने आवास से विभिन्न विकास कार्यों के उद्घाटन पर संबंधित अधिकारियों को अपने संबोधन के दौरान कहा, "उस कार्यक्रम में पहले मुख्यमंत्री का नाम लिखा था। मेरे पास प्रोग्राम आया था, लेकिन बाद में नाम काट गया दिया गया। राज्यों के अधिकारों का हनन करने का अधिकार न तो प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) को है और नाहीं केन्द्र सरकार को।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखूंगा कि... आप राजस्थान आए लेकिन आपने मुख्यमंत्री को उस कार्यक्रम से कैसे अलग कर दिया?’’
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से मंजूरी नहीं मिलने के बाद राज्य सरकार ने अब तीन जिलों राजसमंद, जालोर और प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया है।
गहलोत ने कहा, ‘‘इसके बावजूद जब प्रधानमंत्री राजस्थान आते हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने हमें उनका स्वागत करने का मौका नहीं दिया। कमाल है... आप हमारी धरती पर आ रहे हैं। आप कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे हैं, उद्घाटन कर रहे हैं... किसलिए आपने उस कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री को क्यों शामिल नहीं किया?’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इसकी जांच करानी चाहिए कि गलती कहां हुई और किस अधिकारी ने गलती की जिसके कारण उनका नाम भाषण देने वालों की सूची से हटा दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘यह (सिर्फ) मेरी बात नहीं है बल्कि देश के संघीय ढांचे की बात है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति पहली बार देखी है कि अगर आप सरकार का विरोध करते हैं तो आपको देशद्रोही घोषित कर दिया जाता है।
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