नीतीश कुमार के लिए NDA में दरवाजे बंद! अमित शाह ने कहा- अब आप धोखा नहीं दे पाएंगे
लौरिया में अपने भाषण में शाह ने कथित जनसांख्यिकीय असंतुलन और इसे सही करने के लिए मोदी सरकार के संकल्प के अलावा सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट हवाई हमले, धारा 370 को निरस्त करने और इस्लामी संगठन पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने जैसे साहसिक कदमों का भी जिक्र किया.
पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को ‘झूठ बोलकर दलबदल करने वाला व्यक्ति’ बताते हुए कहा कि अब आप धोखा नहीं दे पाएंगे क्योंकि हम आपको राजग में आने ही नहीं देंगे. पश्चिम चंपारण जिले में अपनी एक रैली के कुछ घंटों बाद पटना (Patna) में किसानों और मजदूरों के एक समागम को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि जो नीतीश बाबू हमेशा कांग्रेस (Congress) का विरोध करते रहे वह आज केवल और केवल प्रधानमंत्री बनने के लालच में सोनिया जी के शरण में जाकर बैठ गए हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि लालू यादव की जातिवादी राजनीति और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले नीतीश प्रधानमंत्री बनने के मोह में आज उन्हीं (लालू) की गोद में जाकर बैठे हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश बाबू के सत्ता मोह के कारण बिहार में जंगलराज बन चुका है . उन्होंने कहा , ‘‘जंगलराज के खिलाफ हमें लड़ाई लड़नी है और लालू-नीतीश की सरकार को उखाड़ फेंकना है.’’ Bihar: मेगा रैली में तेजस्वी ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- 'बिहारियों को बुद्धू मत समझो'
शाह ने कहा कि कुछ पत्रकार बताते हैं कि नीतीश जी का समझौता हुआ है कि लालू जी के बेटे को वह मुख्यमंत्री बनाएंगे. उन्होंने सवालिये लहजे में कहा, ‘‘आपने वादा कर ही दिया है कि लालू जी के बेटे को मुख्यमंत्री बनाएंगे तो बिहार वासियों को तिथि भी बता दीजिए.’’
उन्होंने कहा कि पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में कम सीट आने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन उनको मुख्यमंत्री पद से संतोष नहीं है . उन्होंने कहा कि हर तीन साल में उनको प्रधानमंत्री बनने का स्वप्न आता है लेकिन देश की जनता 2024 में फिर से नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाएगी.
शाह ने कहा कि एक जमाना था जब बजट आता था तब कर का मामला बजट का केंद्र बिंदु होता था पर मोदी जी ने किसानों के मामले को बजट के केंद्रबिंदु में लाया. उन्होंने कहा कि सोनिया-मनमोहन की सरकार के समय 2014 में कृषि का बजट 25 हजार करोड रुपए था पर वर्तमान बजट में इसे 125000 करोड रुपेय करने का काम देश के प्रधानमंत्री ने किया , जो बताता है कि देश के प्रधानमंत्री ने कृषि को बजट के केंद्र ला दिया है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार को डेढ़ गुना यूरिया भेजा है पर नीतीश-लालू की सरकार में किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड के देवघर में यूरिया का कारखाना बन जाने पर बिहार को एक ही बार यूरिया की पूरी खेप मिल जाएगी. शाह ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बिहार में विकास के ढेर सारे काम शुरू किए हैं पर नीतीश जी उसको रोक कर बैठे हैं.
उन्होंने कहा,‘‘इस समागम के माध्यम से हम अपील करते हैं कि एक बार बिहार में ‘डबल इंजन’ की सरकार बनवा दीजिए, बिहार को हम देश का सबसे समृद्ध राज्य बना देंगे.’’ शाह ने कहा कि नीतीश जी ने धोखा दिया है लेकिन अब वह धोखा नहीं दे पाएंगे क्योंकि अब भाजपा उन्हें राजग लेगी ही नहीं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने पूरे जीवन में इतना झूठ बोलकर दल-बदल करने वाला व्यक्ति ही नहीं देखा. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत दिया था फिर भी हमने उनको मुख्यमंत्री बनाकर वादा पूरा किया था.’’ उन्होंने लोगों से कहा कि इस बार लोकसभा के चुनाव में सभी सीटें भारतीय जनता पार्टी की झोली में बार डाल नीतीश-लालू कंपनी को एक संदेश दीजिए कि बिहार में अब जंगलराज नहीं आने देंगे.
महान किसान नेता और स्वतंत्रता सेनानी स्वामी सहजानंद सरस्वती की स्मृति में आयोजित किसान मजदूर समागम में शाह के कैबिनेट सहयोगियों में गिरिराज सिंह और अश्विनी कुमार चौबे के अलावा सुशील कुमार मोदी और रविशंकर प्रसाद जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता उपस्थित थे.
इससे पहले बाल्मीकिनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने लालू और नीतीश के बीच तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर एक गुप्त समझौते की चर्चा की ओर इशारा किया था.
लौरिया में अपने भाषण में शाह ने कथित जनसांख्यिकीय असंतुलन और इसे सही करने के लिए मोदी सरकार के संकल्प के अलावा सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट हवाई हमले, धारा 370 को निरस्त करने और इस्लामी संगठन पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने जैसे साहसिक कदमों का भी जिक्र किया. ‘‘सोनिया गांधी और लालू प्रसाद की गोद में बैठने’’ के लिए बिहार के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए शाह ने राजद के साथ जदयू के गठबंधन की तुलना ‘‘पानी में तेल मिलाने की कोशिश’’ से की.
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