नीति आयोग के सीइ्रओ ने कहा, लॉकडाउन की वजह से आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह बाधित
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नयी दिल्ली, 18 अप्रैल कोरोना वायरस की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी पाबंदियों के चालते से देश में आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह बाधित हुई है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त ने शनिवार को ‘कोविड-19 और भविष्य का कार्य’ विषय पर एक वीडियो कांफ्रेंस में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि इस महामारी ने एक विशिष्ट तरह की चुनौती पैदा की है जो काफी जटिल और अप्रत्याशित है। अमिताभ कान्त ने कहा, ‘‘हम काफी मुश्किल समय से गुजर रहे हैं। हमारी आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह बाधित हुई है।’’

कोरोना वायरस पर अंकुश के लिए देश में तीन मई तक 40 दिन का लॉकडाउन है।

इसी चर्चा में विश्वबैंक के भारत में निदेशक जुनैद कमाल अहमद ने विकासशील देशों से कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि देश अपने काम करने के तरीके को बदलें।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत एक शानदार योजना है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह जरूरी हो जाता है कि भारत इससे आगे बढ़े।

टीमलीज के चेयरमैन मनीष सभरवाल ने कहा, ‘‘घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) से निरंतरता बनी हुई है, लेकिन हमें उत्पादकता भी हासिल करनी है। दीर्घावधि में हमें यह सुनिश्चित करना है कि ‘रिमोट वर्किंग’ सभी के लिए लाभकारी हो।’’

नास्कॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने कहा कि कोविड-19 की वजह से कार्यस्थल हमेशा के लिए बदल गया है। इससे कार्यस्थल पर बेहतर संतुलन स्थापित होगा। महिला श्रमबल की भागीदारी बढ़ेगी।

हीरो एंटरप्राइज के चेयरमैन सुनील मुंजाल ने कहा कि भारत के पास विश्व की आपूर्ति श्रृंखला हासिल करने की क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम बेहतर स्थिति में हैं। हमें कोविड-19 संकट का बेहतर प्रबंधक माना जा रहा है। हमारे पास अधिक विचार और प्रतिभाओं को आकर्षित करने की क्षमता है।’’

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