चंडीगढ़, 13 अप्रैल पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को उस एएसआई के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जिनका हाथ पटियाला में निहंगों के एक समूह द्वारा किए गए हमले में काट दिया गया था।
इस बीच, पटियाला की एक स्थानीय अदालत ने मामले के सभी 11 आरोपियों को 11 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच 10 दिन में पूरी करने के बाद मामले की त्वरित सुनवायी की मांग करेगी।
सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) हरजीत सिंह (50) की रविवार को चंडीगढ़ में पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में सात घंटे से अधिक समय तक सर्जरी चली थी जिसमें डॉक्टरों ने उनका कटा हाथ जोड़ा था।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने हरजीत सिंह के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और कहा कि ‘‘पूरे राज्य को उन पर गर्व है।’’
उन्होंने एएसआई से कहा कि उन्हें यदि कोई जरुरत हो तो वह अस्पताल में वरिष्ठ अधिकारियों के जरिये उन्हें सूचित कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने साथ ही एएसआई को भरोसा दिया कि उन पर किये गए ‘‘क्रूर और अकारण हमले’’ में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पूरा पुलिस बल अपनी जान जोखिम में डालकर इस समय कर्फ्यू लागू करने और जरूरतमंदों को राहत देने के कठिन काम में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि बल पर इस तरह के किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इससे पहले अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, “एएसआई हरजीत सिंह से बात करके उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जो ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। उन्होंने जिस विश्वास और साहस के साथ बात की, वह वास्तव में प्रशंसा योग्य है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
रविवार सुबह पटियाला जिले की एक सब्जी मंडी में कर्फ्यू पास दिखाने के लिए कहने के बाद निहंगों ने हरजीत सिंह पर हमला कर दिया था और उनका हाथ काट दिया था जबकि पंजाब पुलिस के तीन अन्य पुलिसकर्मी और एक मंडी अधिकारी घायल हो गए थे।
मुख्यमंत्री ने रविवार को हमले की कड़ी निंदा की थी और चेतावनी दी थी कि कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए राज्य में 23 मार्च से लागू कर्फ्यू का यदि कोई भी व्यक्ति उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस मुद्दे पर डीजीपी दिनकर गुप्ता ने ट्वीट किया कि इस मामले में 10 दिन में जांच पूरी करके त्वरित सुनवायी के लिए आगे बढ़ेंगे और इस मामले में ऐसी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे जिससे दूसरों को सबक मिले।
गुप्ता ने कहा कि पीजीआई निदेशक जगत राम ने खुद सोमवार को एएसआई से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि मरीज ठीक हो रहे हैं लेकिन आगाह किया कि उनसे मिलने के लिए बहुत से लोग नहीं आयें। अभी केवल उनकी पत्नी को दिन में एक बार उनसे मिलने की अनुमति है।
डीजीपी गुप्ता ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि मामले के सिलसिले में गिरफ्तार सभी 11 लोगों को पटियाला की एक अदालत ने 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
सभी 11 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, आपदा प्रबंधन अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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