पंद्रह वर्षीय इस फलस्तीनी बच्चे ने कहा कि कुछ ही समय में वह फर्श पर पड़ा हुआ था क्योंकि सैनिकों ने उसे मुक्का मारकर गिरा दिया और अपमानित करने वाली बातें कहीं।
इजराइल के एक सैनिक ने अपनी राइफल की बट से उसकी माँ की छाती पर वार किया और उसे कमरे में बंद कर दिया, जहाँ वह अपने बेटों की सलामती के लिए चिल्लाती रही।
यूसुफ और उसके 16 वर्षीय भाई वेल को उत्तरी वेस्ट बैंक में बलाटा शरणार्थी शिविर स्थित उनके घर से बाहर निकाल दिया गया। उस समय युसूफ ने अपना चश्मा भी नहीं पहन रखा था जिसकी वजह से वह ठीक से देख पाने की स्थिति में नहीं था।
घटना के बारे में यूसुफ ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, "मैं उस रात को नहीं भूल सकता। जब मैं सोने जाता हूं तब भी मुझे गोली चलने और चीखने की आवाज सुनाई देती है।"
इजराइली मानवाधिकार संगठन हैमोकेड की एक आगामी रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली सेना ने 2022 में वेस्ट बैंक में सैकड़ों फलस्तीनी किशोरों को गिरफ्तार किया और पूछताछ की तथा इस बारे में न कभी समन जारी किया और न ही बच्चों के परिवारों को सूचना दी।
फलस्तीनी लोग ऐसी अनेक घटनाओं का जिक्र करते हैं और किसी आसन्न खतरे को लेकर भयभीत रहते हैं।
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