देश की खबरें | एनआईए ने संघर्षग्रस्त मणिपुर में हिंसा के तीन हालिया मामलों की जांच शुरू की

नयी दिल्ली, 26 नवंबर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने मणिपुर में हाल में हुई हिंसा से संबंधित तीन प्रमुख मामलों की गहन जांच शुरू कर दी है। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।

बयान के मुताबिक, एनआईए के दलों ने 21 और 22 नवंबर को घटनास्थलों का दौरा किया और जांच शुरू की।

जांच एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एनआईए मणिपुर पुलिस से मामले के दस्तावेज प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।

बयान में कहा गया है, “केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देशों पर तेजी से कार्रवाई करते हुए, एनआईए ने मणिपुर में हाल में हुई हिंसा से संबंधित तीन प्रमुख मामलों की गहन जांच शुरू कर दी है।”

गृह मंत्रालय ने अपराध की गंभीरता और संघर्षग्रस्त राज्य में बढ़ती हिंसा को देखते हुए जांच एनआईए को सौंपने का फैसला किया था। इसके बाद क्रूर हमलों के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के उद्देश्य से आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने 13 नवंबर को तीन मामलों को नए सिरे से दर्ज किया था।

पहले मामले का ब्यौरा देते हुए एनआईए ने बताया कि बोरोबेकरा में कई घर जला दिए गए और दो नागरिक मारे गए। बाद में अज्ञात उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों सहित छह लोगों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी।

यह भयावह घटना 11 नवंबर को हुई, जब कुछ अज्ञात हथियारबंद उग्रवादियों ने बोरोबेकरा थाने के साथ-साथ जकुराधोर करोंग में स्थित कुछ घरों और दुकानों पर गोलीबारी की। बाद में उन्होंने उनमें आग भी लगा दी।

पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई। इसके बाद तलाशी अभियान के दौरान जले हुए घरों के अंदर से दो शव बरामद हुए।

दूसरा मामला, 11 नवंबर को जिरीबाम के जाकुराधोर करोंग और बोरोबेकरा थानों में स्थित सीआरपीएफ चौकी पर सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले से जुड़ा है।

हमले में सीआरपीएफ का एक कांस्टेबल गोली लगने से घायल हो गया और उसे उपचार के लिए सिलचर ले जाया गया।

तीसरा मामला सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा जिरीबाम में एक महिला की हत्या से संबंधित है।

बयान में कहा गया है कि यह घटना सात नवंबर को हुई थी, जब तीन बच्चों की मां व 31 वर्षीय महिला के साथ सशस्त्र उग्रवादियों ने उसके घर में उसके साथ बलात्कार किया और उसे जिंदा जला दिया।

यह मामला मूल रूप से आठ नवंबर को जिरीबाम थाने में दर्ज किया गया था।

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