एनजीटी ने पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मांगी
राष्ट्रीय हरित अधिकारण (एनजीटी) ने पुणे में स्थित एक निजी प्रयोगशाला द्वारा पर्यावरणीय उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस मामले में की गयी कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
नयी दिल्ली, 9 जून : राष्ट्रीय हरित अधिकारण (NGT) ने पुणे में स्थित एक निजी प्रयोगशाला द्वारा पर्यावरणीय उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Maharashtra Pollution Control Board) से इस मामले में की गयी कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 में जैव चिकित्सा कचरे के वैज्ञानिक निपटान के लिए प्रक्रियाएं और जिम्मेदारियां तय की गई हैं और नियमों का पालन नहीं करने से गंभीर बीमारियां पैदा होने की आशंका है.
पीठ ने कहा, ‘‘इसके मद्देनजर राज्य पीसीबी मामले पर विचार करें और प्रयोगशाला के संबंध में कानून के अनुसार उपचारात्मक कार्रवाई करें तथा दो महीने के भीतर ईमेल के जरिए इस पर की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट दें.’’ उसने कहा कि एमपीसीबी राज्य में अन्य पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं के संबंध में उपरोक्त निर्देशों के अनुपालन पर जानकारी दे सकता है. मामले पर अगली सुनवाई के लिए नौ सितंबर की तारीख तय की गई है. यह भी पढ़ें : COVID-19 Update: ओडिशा में कोरोना वायरस के 6,019 नए मामले
एनजीटी महाराष्ट्र के निवासी शशिकांत विठ्ठल कांबले की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमे आरोप लगाया गया है कि पुणे में तालुक हवेली में धांडे पैथलैब डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोथरूड पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन कर रही है.