मुंबई, 13 फरवरी : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कांग्रेस छोड़ने के एक दिन बाद मंगलवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. चव्हाण (65) को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले, पार्टी की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार और कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन समेत कई नेताओं की उपस्थिति में मुंबई स्थित पार्टी कार्यालय में भाजपा में शामिल किया गया.
कांग्रेस में लगभग चार दशक बिताने वाले चव्हाण ने अपने राजनीतिक जीवन के नए चरण के बारे में कहा कि आज का दिन उनकी नयी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री एस बी चव्हाण के बेटे अशोक चव्हाण ऐसे समय में भाजपा में शामिल हुए हैं जब ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें राज्यसभा का नामांकन दिया जा सकता है. जब चव्हाण से यह पूछा गया कि क्या उन्हें वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कोई फोन किया, तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया.
आदर्श घोटाले को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत द्वारा उन पर निशाना साधे जाने पर चव्हाण ने अपना बचाव करते हुए कहा, "बंबई उच्च न्यायालय ने मेरे पक्ष में फैसला दिया है. मैं कह सकता हूं कि यह एक राजनीतिक दुर्घटना थी. कुछ एजेंसियों ने अदालत के फैसले को चुनौती दी है. मैंने इसका बहुत सामना कर लिया है और मुझे नहीं लगता कि अब यह कोई चिंता का विषय है.’’ पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी आदर्श हाउसिंग घोटाला मामला उठाते हुए सोमवार को अशोक चव्हाण पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर भाजपा उन्हें राज्यसभा भेजती है, तो यह शहीद सैनिकों का अपमान होगा.
ठाकरे ने मंगलवार को एक बार फिर चव्हाण पर कटाक्ष किया और कहा कि उन्हें भाजपा में जाने की बजाय मराठवाड़ा जाकर किसानों से मिलना चाहिए था, जो बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित हुए हैं. ठाकरे ने अहमदनगर जिले के सोनाई में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए चव्हाण पर निशाना साधा और कहा कि आदर्श घोटाले को भुला दिया गया था लेकिन चव्हाण के कदम ने इसे फिर से सुर्खियों में ला दिया है.आदर्श घोटाले के कारण चव्हाण को 2010 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
चव्हाण आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में आरोपी हैं. दक्षिण मुंबई में 31 मंजिला इस इमारत का निर्माण कथित तौर पर रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व वाली भूमि पर उपयुक्त मंजूरी लिए बिना किया गया था. चव्हाण ने उन दावों का भी खंडन किया था कि संसद में पेश किए गए श्वेत पत्र के कारण उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया. श्वेत पत्र में मुंबई में आदर्श सोसाइटी घोटाले का उल्लेख किया गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने का उनका फैसला निजी है और यह किसी पुराने विवाद से प्रभावित नहीं है.
चव्हाण ने कहा, "मैं कहूंगा कि यह मेरे जीवन की एक नई शुरुआत है. मेरे राजनीतिक जीवन के पिछले 38 वर्षों में, मैं एक नयी यात्रा शुरू कर रहा हूं. मैं कुछ अच्छे काम करना चाहता हूं और प्रगतिशील विचारों के साथ आगे बढ़ना चाहता हूं. राजनीति समाज की सेवा करने का एक तरीका है. कुछ लोगों ने मेरे फैसले की आलोचना की है, लेकिन मैं किसी के खिलाफ कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करूंगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने अब तक विकासात्मक और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ काम किया है. जब फडणवीस विपक्ष में थे और मैं महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री था, हमने एक-दूसरे का समर्थन किया था। मैं जहां भी रहा हूं, मैंने पार्टी के लिए ईमानदारी से काम किया है. मैं यह देखूंगा कि मैं महाराष्ट्र में भाजपा की सीट कैसे बढ़ा सकता हूं। मैं अपनी क्षमता के अनुसार इसमें योगदान जरूर दूंगा.’’ उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के काम और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे से प्रभावित हैं.
पार्टी के निर्देशों का पालन करने और राष्ट्रीय विकास पथ में सकारात्मक योगदान देने के अपने इरादे की पुष्टि की. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कांग्रेस से और नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अन्य कांग्रेस नेताओं को कोई फोन नहीं किया है. फडणवीस जैसे भाजपा नेता यह फैसला करेंगे। मैं आज केवल पार्टी में शामिल हुआ हूं.’’ चव्हाण ने रविवार को पार्टी की बैठक में भाग लेने और अगले दिन कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मैं लंबे समय से इसके बारे में सोच रहा था.
मैं राष्ट्र निर्माण का हिस्सा बनना चाहता था। यह कोई आसान निर्णय नहीं था. मुझे इसके बारे में बहुत सोचना पड़ा. यह फैसला महाराष्ट्र, मेरे अपने जिले और देश के हित में लिया गया है। अगर कुछ अच्छी चीजें हो रही हैं, तो मुझे इसका हिस्सा बनना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि कांग्रेस ने मेरे लिए बहुत कुछ किया और मुझे कई मौके दिये, लेकिन इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि मैंने भी पार्टी के लिए बहुत कुछ किया है. मेरी आलोचना करना अनुचित है.’’
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च पर चव्हाण ने कहा कि यह सच है कि किसान कुछ समस्याओं का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान निश्चित रूप से किया जाएगा.’’ फडणवीस ने चव्हाण के व्यापक राजनीतिक अनुभव और सत्तारूढ़ गठबंधन को मजबूत करने में उनके अपेक्षित योगदान का जिक्र किया और उनके भाजपा में शामिल होने के फैसले की सराहना की. फडणवीस ने कहा, ‘‘देश में कई नेताओं ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है क्योंकि देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रगति कर रहा है.
उन्होंने (चव्हाण ने) हमसे कहा कि वह किसी भी पद के इच्छुक नहीं हैं और वह देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि चव्हाण दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं और भाजपा में उनकी भूमिका केंद्रीय नेताओं से चर्चा के बाद तय की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘चव्हाण का कद राष्ट्रीय स्तर का है और इसलिए उनकी नई जिम्मेदारियों के बारे में फैसले केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद किए जाएंगे.’’
फडणवीस ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस पर आरोप लगाना चाहता हूं कि वे अपने नेताओं को अपने साथ नहीं रख सकते. कांग्रेस का आंतरिक माहौल अराजक है। उनमें से कुछ लोग भाजपा की आलोचना करते हुए राष्ट्रीय मुद्दों का विरोध करना शुरू कर देते हैं. उन्हें कुछ आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है.’’ महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा ने भी कुछ दिन पहले पार्टी छोड़ दी थी.
चव्हाण मराठवाड़ा क्षेत्र के नांदेड़ जिले के रहने वाले हैं। वह 2014-19 के दौरान कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख भी थे. शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को कहा कि पूर्व कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन उसे इस बात का अफसोस है कि ‘‘जिन कुछ नेताओं के पास भाजपा से लड़ने की ताकत और क्षमता है, वे उसके दबाव के आगे झुक रहे हैं."
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