नयी दिल्ली, 31 दिसंबर नवगठित सहकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2023 में सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने और विस्तार के नए रास्ते खोलने के लिए कई पहल कीं।
इनमें पैक्स को बहुउद्देशीय बनाने के लिए मॉडल उप-कानून और एक राष्ट्रीय सहकारी निकाय शामिल हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि जुलाई 2021 में स्थापित नए मंत्रालय ने अमित शाह के नेतृत्व में बहुत कम समय में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए।
इसमें कहा गया, ''सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए, सहकारिता मंत्रालय ने 54 प्रमुख पहल की हैं। इनके जरिए सभी सहकारी समितियों को अपने आर्थिक वृद्धि और विस्तार के लिए नयी संभावनाएं मिल रही हैं।''
मंत्रालय ने कहा कि इस साल की गई प्रमुख पहलों में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के लिए एक मसौदा मॉडल उप-कानून प्रमुख है। इससे आय बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
बयान के मुताबिक अब तक, इन्हें 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनाया है और अन्य राज्यों में इन्हें अपनाने का काम प्रगति पर है।
डेयरी और मत्स्य पालन सहकारी समितियां स्थापित करने के लिए एक अलग योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 9,961 नये बहुउद्देशीय पैक्स/ डेयरी/ मत्स्य पालन सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है।
वर्ष 2023 के दौरान इस क्षेत्र के लिए दुनिया की सबसे बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना को मंजूरी दी गई।
इसके अलावा, पैक्स को ई-सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में काम करने, नए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) स्थापित करने, एलपीजी वितरक/ खुदरा पेट्रोल आउटलेट, जन औषधि केंद्र और प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र संचालित करने की अनुमति दी गई।
सरकार ने निर्यात, प्रमाणित बीज और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए तीन राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों की भी स्थापना की।
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