देश की खबरें | आरे में नहीं काटे पेड़, सिर्फ झाड़ियों और शाखाओं की छंटाई की : एमएमआरसीएल

नयी दिल्ली, पांच अगस्त मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि अक्टूबर 2019 के बाद मुंबई की आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा गया है।

एमएमआरसीएल की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि उन्होंने 2019 में उच्चतम न्यायालय के समक्ष बयान दिया था कि आरे कालोनी में मेट्रो कोच शेड के लिये और पेड़ नहीं काटे जाएंगे और उसके बाद से कोई पेड़ नहीं काटा गया है।

मेहता ने पीठ से कहा, “मैंने एक बयान दिया था कि अब और कोई पेड़ नहीं काटे जाएंगे और मैंने आज एक हलफनामा दाखिल किया है कि उसके बाद, कोई पेड़ नहीं काटा गया।”

पीठ में न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति एस आर भट भी शामिल हैं।

शीर्ष अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि अधिकारियों ने आरे कालोनी में पेड़ों को फिर से काटना शुरू कर दिया है।

मेहता ने कहा कि जमीन पर कुछ झाड़ियां थीं जिन्हें साफ कर दिया गया है और कुछ शाखाओं की छंटाई की गई है ताकि वाहन वहां से गुजर सकें।

उन्होंने कहा, “यह छंटाई (शाखाओं की) हुई है। मैंने हलफनामे में यहीं कहा है। कोई पेड़ नहीं काटा जा रहा है।”

हलफनामे को रिकॉर्ड में लेते हुए पीठ ने कहा कि और चीजों पर विचार किए जाने तक निगम की तरफ से दाखिल हलफनामे में व्यक्त किए गए रुख के मद्देनजर कोई विशिष्ट अंतरिम निर्देश दिए जाने की आवश्यकता नहीं है।

पीठ ने कहा, “यह कहना पर्याप्त है कि जैसा कि संबंधित प्रतिवादी द्वारा बताया गया है, सात अक्टूबर, 2019 के आदेश के बाद से आगे कोई पेड़ नहीं काटा गया है, और सुनवाई की अगली तारीख तक भी किसी तरह से पेड़ नहीं काटे जाएंगे।”

पीठ ने इसके साथ ही मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 अगस्त तय की।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)