
पाटन उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों के पैनल ने जनवरी में काठमांडू जिला न्यायालय द्वारा संदीप को सुनाई गई सजा को खारिज करने का फैसला सुनाया।
पीड़िता ने कहा था कि 21 अगस्त 2022 को उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी गई है।
लामिछाने को इसके तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया और अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान जमानत पर रिहा होने से पहले उन्होंने जेल में समय बिताया।
उस समय लामिछाने को जुर्माने के रूप में तीन लाख रुपये और पीड़िता को मुआवजे के रूप में दो लाख रुपये देने का भी आदेश दिया गया था।
बुधवार को लामिछाने के दर्जनों प्रशंसक फैसले का जश्न मनाते हुए अदालत के बाहर एकत्र हुए जबकि दंगा रोकने वाली पुलिस ने उन्हें प्रवेश करने से रोकने के लिए अदालत की ओर जाने वाली सड़क पर पहरा दिया।
एपी
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