नयी दिल्ली, 24 मई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि कोविड-19 महामारी ने प्रदर्शित किया है कि स्वास्थ्य से जुड़े खतरे राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं हैं और इस संबंध में समन्वित वैश्विक उपाय करने की जरूरत है।
उन्होंने मंगलवार को जिनेवा में 76वें विश्व स्वास्थ्य महासभा में ‘भारत में उपचार और भारत द्वारा उपचार’ विषय पर एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस संदर्भ में भारत को स्वास्थ्य कर्मियों के क्षमता निर्माण से सहायता मिल रही है और आगे की राह के तौर पर डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है।
मांडविया ने कहा कि ‘एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य’ दृष्टि और वैश्विक समुदाय की सेवा करने की दृष्टि के साथ सरकार ने लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विभिन्न कदम उठाये हैं।
‘भारत द्वारा उपचार’ पहल का उद्देश्य वसुधैव कुटुंबकम के दर्शन के अनुसार विश्व की सेवा करने के लिए भारत से दुनिया के विभिन्न देशों में स्वास्थ्य कर्मियों की आवाजाही को बढ़ाना है। वहीं, ‘भारत में उपचार’ दृष्टि का उद्देश्य विश्व को भारत में समन्वित और समग्र उपचार उपलब्ध कराना तथा विश्वस्तरीय, वहनीय एवं गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच उपलब्ध कराना है।
मांडविया ने भारत की जी20 अध्यक्षता के दर्शन ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत ने स्वास्थ्य आपात स्थितियों, रोकथाम, तैयारियों और उसका मुकाबला करने को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि 1,50,000 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने की प्रणाली को बेहतर बना रहे हैं।
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