मुंबई, 12 अप्रैल बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनके भाई शमसुद्दीन को निर्देश दिया कि वे “निष्पक्षता बनाए रखने के लिए” और आपसी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के प्रयासों के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ कोई टिप्पणी पोस्ट या अपलोड न करें।
न्यायमूर्ति आर आई छागला की एकल पीठ ने 48 वर्षीय अभिनेता द्वारा सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कथित मानहानिकारक बयान पोस्ट करने के लिए उनके भाई से 100 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग को लेकर दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
पीठ ने भाइयों को सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना तलाशने के लिए तीन मई को उनके वकीलों के साथ अपने कक्ष में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
मुकदमे में अभिनेता की पूर्व पत्नी जैनब का भी नाम है, लेकिन बुधवार को नवाजुद्दीन सिद्दीकी के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि दोनों क्योंकि अपने मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए अभिनेता उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा नहीं चलाना चाहते।
शमसुद्दीन सिद्दीकी की तरफ से पेश अधिवक्ता रूमी मिर्जा ने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के हस्तक्षेप के कारण नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पूर्व पत्नी के बीच समझौता वार्ता चल रही है और इस पीठ की मदद से भाइयों के बीच भी इसी तरह की व्यवस्था हो सकती है।
चंद्रचूड़ ने कहा कि भाइयों के बीच कोई भी बातचीत तभी शुरू हो सकती है जब शमसुद्दीन सिद्दीकी अपने मानहानि वाले पोस्ट को हटा दें जिसमें अभिनेता को कथित तौर पर “बलात्कारी और छेड़छाड़ करने वाला” कहा गया है।
अदालत ने इस पर सहमति व्यक्त की और कहा कि किसी भी समझौते के लिए विवादित टिप्पणी को हटाना होगा और दोनों भाइयों को सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने से बचना होगा।
न्यायमूर्ति छागला ने कहा, “समझौता वार्ता के मद्देनजर सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना को देखते हुए एक-दूसरे के खिलाफ (सोशल मीडिया) कोई पोस्ट नहीं होगी, एक-दूसरे पर कोई आक्षेप नहीं लगाया जाएगा। यह पार्टियों के बीच समानता बनाए रखने के लिए है ताकि एक दूसरे के खिलाफ आगे कोई टिप्पणी न हो।”
इस बीच न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ को बुधवार को बताया गया कि अभिनेता और उनकी पूर्व पत्नी जैनब के बीच उनके दो नाबालिग बच्चों की शिक्षा को लेकर मतभेद सुलझ गया है।
अदालत को बताया गया कि बच्चे अपनी स्कूली शिक्षा के लिये वापस दुबई जा रहे हैं।
पीठ नवाजुद्दीन सिद्दीकी द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें जैनब को दोनों बच्चों के पते-ठिकाने का खुलासा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
अभिनेता ने दावा किया था कि जैनब बच्चों को बिना बताए भारत वापस ले आईं थीं और वे दुबई में स्कूल नहीं जा रहे।
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