Narada case: बंगाल सरकार ने कलकत्ता HC से कहा, खंडपीठ CBI की स्थानांतरण याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकती

पश्चिम बंगाल सरकार ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष दावा किया कि कोई खंडपीठ सीबीआई के उस आवेदन पर सुनवाई नहीं कर सकती, जिसमें नारद स्टिंग मामले को निचली अदालत से उसके समक्ष सुनवाई के लिए स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Photo Credits: Facebook)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Govt) ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court)  के समक्ष दावा किया कि कोई खंडपीठ सीबीआई (CBI) के उस आवेदन पर सुनवाई नहीं कर सकती, जिसमें नारद स्टिंग मामले को निचली अदालत से उसके समक्ष सुनवाई के लिए स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है. इसने साथ ही कहा कि एकल पीठ को इस पर सुनवाई करनी चाहिए.

नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों, एक विधायक और पूर्व महापौर को अंतरिम जमानत प्रदान करने को लेकर कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी के बीच मतभेद के बाद उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने इस मामले को पांच न्यायाधीशों की वृह्द पीठ के समक्ष भेजा था. यह भी पढ़े: Narada case: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तारी को लेकर TMC सांसद कल्याण बनर्जी के दावे पर जताई हैरानी, कही ये बात

राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने दलील दी कि स्थानांतरण संबंधी आवेदन की सुनवाई खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती और इस पर एकल पीठ को सुनवाई करनी चाहिए.

वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दत्ता की दलील पर आपत्ति जतायी और दावा किया कि राज्य सरकार नहीं चाहती कि अदालत मामले की सुनवाई गुण-दोष के आधार पर करे. पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी.

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