नयी दिल्ली, 23 दिसंबर सहकारी संस्था नाफेड ने बुधवार को बताया कि वित्तवर्ष 2019-20 में उसका शुद्ध मुनाफा 41 प्रतिशत घटकर 165.65 करोड़ रुपये रह गया जिसका कारण कंपनी की आय में आई गिरावट है।
नाफेड की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तवर्ष 2018-19 में शुद्ध मुनाफा 279.31 करोड़ रुपये और कारोबार 20,138.46 करोड़ रुपये था।
नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने 63 वें वार्षिक आम बैठक से पहले कंपनी की वित्तीय रिपोर्ट रखते हुए एक बयान में कहा, "वर्ष (2019-20) के दौरान, फेडरेशन (नाफेड) ने 165.65 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे के साथ 16,280.98 करोड़ रुपये का कारोबार किया।"
नाफेड के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने कहा, "नाफेड पिछले तीन वर्षों से मुनाफा कमा रहा है, जो अब मिलकर 670 करोड़ रुपये हो गया है, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।"
उन्होंने कहा कि सरकार के समर्थन, सही नीतिगत निर्णय और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के कारण, महासंघ अब आर्थिक रूप से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है और कृषक समुदाय को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है।
नाफेड ने कहा कि कंपनी के बोर्ड ने नाफेड के इतिहास में पहली बार वित्तवर्ष 2019-20 के लिए सदस्य संघों / सोसायटियों को 20 प्रतिशत के उच्चतम लाभांश मंजूर किया है।
नाफेड अपनी ओर से दालों के बफ़र स्टॉक को रखने के अलावा मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तिलहन और दालों की खरीद के लिए केंद्र की अग्रणी एजेंसी है।
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