जरुरी जानकारी | म्यूचुअल फंड उद्योग ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह में जोड़े गए 70 लाख नए निवेशक खाते

नयी दिल्ली, 25 सितंबर म्यूचुअल फंड को लेकर जागरूकता और डिजिटल पहुंच बढ़ने से परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में लगभग 70 लाख निवेशक खाते जोड़े हैं जिनके साथ ही इनकी कुल संख्या 13.65 करोड़ हो गई है।

उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में 3.17 करोड़ निवेशक खाते और 2020-21 में 81 लाख निवेशक खाते जोड़े गए थे।

म्यूचुअल फंड खातों की बढ़ती संख्या बताती है कि पूंजी बाजार में बड़ी संख्या में नए निवेशक आ रहे हैं और निवेश के लिए म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन रहे हैं।

मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट में मुख्य कारोबार अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘नोटबंदी के कारण घरेलू बचत का वित्तीयकरण हुआ, इसे महामारी के कारण लगे लॉकडाउन ने बढ़ाया। इसके अलावा बचत के तरीकों और जोखिम लेने की क्षमता में आए व्यापक बदलाव की वजह से व्यवस्थित निवेश योजनाएं जीवन जीने का तरीका बन गईं। बाजार में तेजी की वजह से भी बड़ी संख्या में निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं।’’

एलएक्सएमई की संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक प्रीति राठी गुप्ता ने म्यूचुअल फंड निवेशकों की बढ़ती संख्या के कई कारण गिनाए मसलन साक्षरता कार्यक्रमों से लोगों के बीच बढ़ती जागरूकता, विज्ञापन अभियान, आसान जानकारियां, डिजिटलीकरण और महिलाओं की भागीदारी बढ़ना।

आंकड़ों के मुताबिक, 43 म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास निवेशक खातों की संख्या अगस्त, 2022 में अबतक के सबसे ऊंचे स्तर 13.65 करोड़ पर पहुंच गई, जो मार्च, 2022 में 12.95 करोड़ थी। इसका मतलब है कि इस अवधि में 70 लाख नए खाते जोड़े गए हैं। उद्योग में दस करोड़ निवेशक खातों का आंकड़ा मई, 2021 में पार हुआ था।

मॉर्निंगस्टार इंडिया में प्रबंधक शोध- एसोसिएट निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई है इसलिए निवेशक निवेश करने को प्रेरित हो रहे हैं। वहीं, हाल के चुनौतीपूर्ण समय में भारतीय बाजारों ने जुझारूपन दिखाया है।’’

बीते कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड क्षेत्र में निवेशकों की संख्या निरंतर बढ़ी है। 2019-20 में इसमें 73 लाख निवेशक खाते जुड़े, 2018-19 में 1.13 करोड़, 2017-18 में 1.6 करोड़, 2016-17 में 67 लाख से अधिक और 2015-16 में 59 लाख निवेशक खाते जुड़े।

ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संदीप बागला ने कहा कि ब्याज दरें कम होने की वजह से बड़ी मात्रा में खुदरा धन निश्चित आय से निकालकर इक्विटी में डाला गया। उन्होंने कहा कि भारत में म्यूचुअल फंड की पैठ अन्य बाजारों की तुलना में अब भी कम है।

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