मुंबई का ऑफ-सत्र शिविर शुरू, अजिंक्य रहाणे ने फिटनेस और रणनीति के महत्व पर दिया जोर
Ajinkya Rahane (Photo Credits: Twitter)

मुंबई, तीन जून: मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने सोमवार को फिटनेस पर काम करने के महत्व पर जोर दिया और अपने राज्य की टीम के खिलाड़ियों को बेहतर होने के लिए ऑफ-सत्र (जब सत्र नहीं चल रहा हो) ट्रेनिंग शिविर का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया. मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने आगामी सत्र के लिए ‘होम ऑफ द चैम्पियंस’ थीम पर तीन महीने का शिविर शुरू किया. यह भी पढ़ें: ICC T20 World Cup 2024: कमिंस का लगेज चोरी, मैक्सवेल और स्टार्क की फ्लाइट लेट, बड़ी मुश्किल से बारबाडोस पहुंची ऑस्ट्रेलियाई टीम

पिछले सत्र में रणजी ट्रॉफी में मुंबई को रिकॉर्ड में इजाफा करने वाली खिताबी जीत दिलाने वाले रहाणे ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्दे के पीछे काम करना महत्वपूर्ण है.

रहाणे ने मीडिया से कहा, ‘‘यह कई युवाओं को मुंबई के लिए अच्छा प्रदर्शन करने और विरासत को आगे बढ़ाने और सभी आयु वर्गों (टीमों) में मुंबई के लिए अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘फिटनेस और खेल की रणनीति पर काम करना, क्योंकि यह वह समय है जब आप वास्तव में उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जिनमें व्यक्तिगत रूप से आप सुधार करना चाहते हैं.’’

जब उनसे पूछा गया कि वह खिलाड़ियों के किस तरह के काम पर ध्यान केंद्रित करना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘‘एक बार सत्र शुरू हो जाने के बाद यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि टीम को आपसे क्या चाहिए. ये दो-तीन महीने व्यक्तिगत रूप से फिटनेस और कौशल के मामले में बेहतर होने के बारे में हैं.’’

रहाणे ने पूर्व तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी को सभी आयु वर्गों (पुरुष और महिला दोनों) के लिए गेंदबाजी मेंटर (मार्गदर्शक) नियुक्त करने के एमसीए के फैसले की प्रशंसा की. इस अवधि के दौरान रहाणे इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट भी खेलेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए खेलते रहना बहुत महत्वपूर्ण है और मैं यही चाहता था.’’

रहाणे ने पुष्टि की कि वह लीसेस्टरशर के साथ खेलने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इस स्तर पर मैच खेलना महत्वपूर्ण है. मैं एक महीने तक अपनी फिटनेस पर काम करूंगा और काउंटी मैचों के लिए लीसेस्टर जाऊंगा.’’

रहाणे ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि घरेलू सत्र शुरू होने से पहले मैं कुछ मैच खेलूं, अन्यथा यह अंतराल बहुत लंबा हो जाएगा और आपको उन क्षेत्रों में सुधार करने का समय नहीं मिलेगा जिनमें आप सुधार करना चाहते हैं.’’

इस बीच शिविर के उद्घाटन के दौरान विभिन्न आयु वर्ग के खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए भारतीय बल्लेबाज सरफराज खान ने ध्यान केंद्रित करने और हताश नहीं होने के संदर्भ में अपना पक्ष रखा.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बीच-बीच में यह सोचकर निराश हो जाता था कि मुझे वह अवसर (भारत के लिए खेलने का) नहीं मिल रहा है लेकिन मेरे पिता मेरे से कहते थे कि प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करो- ऐसा सोचो कि मैं भारत के लिए खेल रहा हूं, भले ही मैं रणजी ट्रॉफी ही क्यों नहीं खेल रहा हूं और इस तरह मैं केवल प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करूंगा.’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)