मैसुरु, 27 नवंबर कर्नाटक में ‘एमयूडीए’ जमीन आवंटन विवाद के बीच एक महिला ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती बीएम द्वारा प्राधिकरण को लौटायी गयी जमीन पर दावा करते हुए दीवानी वाद दायर किया है।
विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब जमुना ने स्थानीय अदालत में दीवानी मुकदमा दायर करते हुए दावा किया कि मैसूर के केसारे गांव में सर्वे नंबर 64 में तीन एकड़ और 16 गुंटा जमीन में उसे हिस्सा देने से मना कर दिया गया। इसका मतलब है कि जमुना ने उस जमीन पर हक जताया जिसे एमयूडीए ने पार्वती से लिया था।
केसारे की यह जमीन पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने कथित रूप से भेंट में दी थी। स्वामी ने देवराजू से यह जमीन खरीदी थी। जमुना देवराजू की भतीजी है।
मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) ने केसारे में पार्वती से जो जमीन ली थी उसके बदले में उसने उन्हें पॉश क्षेत्र में 14 भूखंड आवंटित किये थे। इस सिलसिले में लोकायुक्त पुलिस ने मामला दर्ज किया और उसमें आरोप लगाया गया था कि पार्वती को जो भूखंड दिये गये थे, वे उनसे ली गयी जमीन से अधिक मूल्य के थे।
जब कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्वती को भूखंड आवंटित किए जाने को लेकर आवाज उठायी और उन्होंने राज्यपाल एवं अदालत से संपर्क किया तब लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती, मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू के खिलाफ मामला दर्ज किया। जब जमीनों का यह लेन-देन विवादों में घिर गया तब पार्वती ने प्राधिकरण द्वारा उन्हें आवंटित भूखंड लौटा दिये।
जमुना ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि (केसारे की) उस जमीन में उसका भी हिस्सा है तब उसने चार माह पहले वाद दायर किया। जमुना के अनुसार यह जमीन मूल रूप से उसके पिता माइलारैया की थी।
जमुना ने कहा कि विवाद शुरू होने के बाद उसे अपने हिस्से के बारे में पता चला।
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