देश की खबरें | मप्र : जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल के रोगियों को होम्योपैथी दवाओं से मिला फायदा

भोपाल, 12 अगस्त मध्य प्रदेश के चार जिलों-- डिण्डोरी, मण्डला, छिन्दवाड़ा और शहडोल में होम्यापैथी की नियमित दवा देने के बाद सिकल सेल के रोग से प्रभावित व्यक्तियों को फायदा मिला है। यह जानकारी एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दी है।

उन्होंने बताया कि इन जिलों में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजातियों-- बैगा और भारिया में सिकल सेल के उपचार के लिये आयुष विभाग के सहयोग से विशेष परियोजना चल रही है।

उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत शासकीय होम्यापैथी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल द्वारा सिकल सेल एनीमिया की पहचान के लिये घर-घर जाकर परीक्षण किया गया।

अधिकारी ने बताया कि इसमें करीब 23,000 से अधिक जनजातीय व्यक्तियों का परीक्षण किया गया जिसके बाद 1,656 व्यक्तियों में बीमारी की पुष्टि हुई।

उन्होंने कहा कि प्रभावित व्यक्तियों को रिसर्च टीम द्वारा होम्यापैथी दवाएं दी गई और उन्हें फायदा मिला है।

अधिकारी ने बताया कि इस बीमारी में प्रभावित व्यक्तियों में रक्त की कमी और दर्द की समस्या बनी रहती थी लेकिन दवा लेने से उन्हें इससे छुटकारा मिला है। उनके अनुसार इन रोगियों को समय-समय पर खून चढ़ाये जाने की आवश्यकता होती थी, इससे भी उन्हें छुटकारा मिला है तथा इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ी है।

अधिकारी ने बताया कि परियोजना में जिन रोगियों को होम्यापैथी की दवाइयाँ दी जा रही है, रिसर्च टीम द्वारा उनकी वर्तमान जीवन-शैली का नियमित अध्ययन भी किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा महाविद्यालय के इस प्रोजेक्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), भारतीय विज्ञान संस्थान और मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल की रिसर्च कार्य में मदद ली जा रही है।

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