Malegaon Blast Case: सांसद प्रज्ञा ठाकुर को मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत में पेशी से छूट मिली
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मुंबई में एनआईए की एक विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर को अदालत में नियमित रूप से पेश होने से मंगलवार को छूट दे दी।
मुंबई, पांच जनवरी: मुंबई (Mumbai) में एनआईए की एक विशेष अदालत ने 2008 के मालेगांव (Malegaon) विस्फोट मामले में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) को अदालत में नियमित रूप से पेश होने से मंगलवार को छूट दे दी. ठाकुर इस मामले के सात आरोपियों में एक हैं. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) इस मामले की जांच कर रहा है. वह सोमवार को अदालत में पेश हुई थीं. विशेष न्यायाधीश पीआर सित्रे ने मंगलवार को ठाकुर को अदालत में पेशी से छूट दे दी. इससे पहले उनके वकील जेपी मिश्रा (JP Mishra) ने आवेदन दायर कर कहा था कि सांसद को स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से नियमित रूप से यहां आने में दिक्कत होती है.
वकील ने आवेदन में कहा, " ठाकुर को कई बीमारियां हैं और एम्स में उनका उपचार चल रहा है. वह (कल) मुंबई में थीं और इस दौरान कोकिलाबेन अस्पताल में उनकी कई जांच हुईं, डॉक्टरों ने उनसे कहा कि उन्हें कई जटिलताएं हैं और उनका उपचार किए जाने की जरूरत है." मिश्रा ने कहा कि भोपाल से भाजपा सांसद ठाकुर को "जान का खतरा" है. इसलिए मध्य प्रदेश सरकार ने उनकी सुरक्षा के लिए छह सशस्त्र कर्मी उपलब्ध कराएं हैं.
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वकील ने बताया कि उनके अलावा, दो निजी सहायक भी उनके साथ रहते हैं. इसलिए उन्हें इन सभी सुरक्षा कर्मियों को साथ लेकर चलने में बहुत दिक्कत होती है. ठाकुर ने अन्य कारण बताते हुए कहा कि वह संसद की सदस्य हैं और उनकी अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति जिम्मेदारी है. विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसल ने बताया कि न्यायाधीश सित्रे ने ठाकुर की याचिका पर गौर किया और उन्हें नियमित रूप से अदालत में पेश होने से छूट दे दी. साथ में उनसे कहा कि जब भी जरूरत पड़ेगी उन्हें अदालत में हाजिर होना होगा.
इससे पहले अदालत में कई बार पेश नहीं होने के बाद ठाकुर सोमवार को न्यायाधीश के समक्ष हाजिर हुई थीं. न्यायाधीश सित्रे ने 19 दिसंबर 2020 को ठाकुर को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए "अंतिम मौका" दिया था. न्यायाधीश ने पिछले महीने दो बार उनके अदालत में हाजिर नहीं होने पर नाखुशी जाहिर की थी. ठाकुर जून 2019 में अदालत में पेश हुई थी, क्योंकि अदालत का आदेश था कि सातों आरोपी हफ्ते में एक बार अदालत में पेश हों. उसके बाद से वह अलग अलग मौकों पर अदालत में पेश होने से छूट मांगती रही. मामले में छह अन्य आरोपियों में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, समीर कुलकर्णी, रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय राहिरकर और सुधारकर द्विवेदी शामिल हैं.
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