MP: कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस ने छोड़ी पानी की बौछार, प्रदर्शनकारी और मीडियाकर्मी घायल
इंदौर नगर निगम के कथित घोटालों और स्थानीय करों में वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी की अगुवाई में प्रमुख विपक्षी दल के सैकड़ों कार्यकर्ता मंगलवार को सड़क पर उतरे और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
इंदौर (मध्यप्रदेश), 6 अगस्त : इंदौर नगर निगम के कथित घोटालों और स्थानीय करों में वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी की अगुवाई में प्रमुख विपक्षी दल के सैकड़ों कार्यकर्ता मंगलवार को सड़क पर उतरे और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. चश्मदीदों ने बताया कि अवरोधक हटाकर नगर निगम परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की तेज बौछार छोड़ी जिससे कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता और दो मीडियाकर्मी नीचे गिरकर घायल हो गए. पटवारी ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि नगर निगम में सीवर लाइन डालने और अन्य कामों में करीब 2,000 करोड़ रुपये के घोटाले हुए.
भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाने वाला इंदौर, पटवारी का गृह नगर है. उन्होंने दावा किया कि अगर कानून प्रवर्तन एजेंसियां नगर निगम में गुजरे बरसों में हुए कथित घोटालों की ‘‘ईमानदारी से’’ जांच करें, तो पिछले तीन कार्यकालों के दौरान भाजपा की महापौर परिषदों में शामिल रहे नेताओं को जेल जाना होगा. पटवारी ने कहा, ‘‘शहर के मतदाता नगर निगम से लेकर लोकसभा तक के चुनावों में भाजपा पर भरोसा करते हुए इस पार्टी के उम्मीदवारों को जिताते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद भाजपा घोटाले करती है और दरों में वृद्धि करके स्थानीय नागरिकों पर जल कर और संपत्ति कर का बोझ बढ़ा देती है.’’ यह भी पढ़ें : भारत को सीमा पर बहुत सतर्क रहना होगा : बांग्लादेश संकट पर पूर्व उच्चायुक्त ने कहा
पटवारी ने इंदौर में ‘‘एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत कुल 51 लाख पौधे लगाने के अभियान को ‘‘छलावा’’ करार दिया और दावा किया कि इतने पौधे लगाने के लिए शहर में खाली जगह ही नहीं है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अपने गृह नगर में इस अभियान के नाम पर स्थानीय नागरिकों की भावनाओं से खिलवाड़ किया. उन्होंने दावा किया कि इस अभियान की अगुवाई के पीछे विजयवर्गीय का इकलौता मकसद खुद की वाहवाही कराना है ताकि वह भीतरी रस्साकशी से जूझती भाजपा में अपनी स्थिति मजबूत कर सकें.