देश की खबरें | मप्र: आवाज बदलने वाले ऐप का इस्तेमाल कर व्यक्ति ने छात्राओं को बुलाया, बलात्कार किया

सीधी (मध्य प्रदेश), 25 मई मध्य प्रदेश के सीधी जिले में 30 वर्षीय एक व्यक्ति को महिला कॉलेज की शिक्षक के रूप में खुद को प्रदर्शित करने और कम से कम सात लड़कियों से बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पीड़ितों में से अधिकतर आदिवासी समुदाय से हैं। आरोपी ने शिक्षक के नाम पर लड़कियों को छात्रवृत्ति निधि के संबंध में फोन किए थे।

पुलिस ने बताया कि आरोपी ब्रजेश प्रजापति पीड़ितों से फोन पर बात करते समय एक महिला की तरह आवाज निकालने के लिए आवाज बदलने वाले ऐप का इस्तेमाल करता था।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच के आदेश दिए। वहीं, गिरफ्तारी के बाद आरोपी के अनधिकृत मकान को ध्वस्त कर दिया गया।

रीवा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) महेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि प्रजापति के तीन सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रजापति ने खुद को टिकारी के एक कॉलेज की महिला शिक्षक बताकर छात्राओं को मिलने के लिए बुलाया ताकि उन्हें छात्रवृत्ति मिल सके। फोन करने वाला महिला की आवाज में लड़कियों से कहता था कि उसका बेटा उन्हें अपने घर ले जाएगा। वारदात के बाद प्रजापति लड़की का मोबाइल फोन छीन लेता था।

शिकायतकर्ताओं में से एक के अनुसार, ऐसी ही एक बातचीत के बाद, हेलमेट और दस्ताने पहने हुए प्रजापति ने उसे मोटरसाइकिल पर बैठाया फिर एक सुनसान जगह पर ले गया और कथित तौर पर उससे बलात्कार किया।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अपराधी के हाथों पर जलने और चोटों के निशान थे और आखिरकार उसे पकड़ लिया गया।

आईजी सिकरवार ने कहा कि प्रजापति ने सात लड़कियों से बलात्कार करने की बात कबूल की है। उन्होंने कहा कि अब तक चार लड़कियां शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे आई हैं।

उन्होंने कहा कि मामले में जांच जारी है। आईजी ने कहा कि आरोपी के सहयोगियों लवकुश प्रजापति, राहुल प्रजापति और संदीप प्रजापति को भी गिरफ्तार किया गया और उनके पास से 16 मोबाइल फोन बरामद किए गए। उनमें से एक कॉलेज का छात्र है और उसे एक कॉलेज के व्हाट्सएप ग्रुप से लड़कियों के नंबर मिले।

अपराधों में आरोपी के सहयोगियों की सटीक भूमिका का अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बलात्कार, अपहरण, मारपीट और डकैती का पहला मामला 13 मई की घटना के बाद 16 मई को दर्ज किया गया।

उन्होंने बताया कि चार मई और 20 मई को हुए अपराधों पर क्रमश: 18 मई और 23 मई को दो और मामले दर्ज किए गए। 15 अप्रैल को हुए एक अपराध पर 19 मई को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) के तहत एक और प्राथमिकी दर्ज की गई।

अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, आईजी सिकरवार ने कुसमी की अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओपी) रोशनी सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया, जो सात दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ऐसे निंदनीय कृत्य करने वाले समाज के दुश्मन हैं, आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।’’

कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर सवाल किया, ‘‘क्या मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की लड़कियां बिना किसी डर के कॉलेज में भी नहीं पढ़ सकतीं?...बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ नारे का क्या मतलब है?’’

उन्होंने कहा कि आदिवासियों और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे है। सीधी मामले में पीड़ितों के लिए वित्तीय सहायता की मांग करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार की खबरें सामने न आती हों।’’

इस बीच, गिरफ्तारी के बाद जिले के पनवार गांव में प्रजापति का मकान ध्वस्त कर दिया गया। जिले के एक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि यह मकान बिना अनुमति के सरकारी जमीन पर बनाया गया था।

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