COVID19 पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष सत्र को 100 से अधिक नेता करेंगे संबोधित, वैश्विक संकट से निपटने के लिए जरूरी कदमों पर की जाएगी चर्चा
कोविड-19 पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष सत्र को 100 से अधिक नेता संबोधित करेंगे. इसमें वैश्विक महामारी के प्रभाव और वैश्विक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की जाएगी, जिससे दुनियाभर में अभी तक 15 लाख लोगों की मौत हो चुकी है.
अमेरिका, 03 दिसंबर: कोविड-19 पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष सत्र को 100 से अधिक नेता संबोधित करेंगे. इसमें वैश्विक महामारी के प्रभाव और वैश्विक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की जाएगी, जिससे दुनियाभर में अभी तक 15 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोज़किर ने बुधवार को कहा, "यह कोविड-19 को मात देने के लिए हमें एक एतिहासिक क्षण प्रदान करेगा." उन्होंने कहा, "कई टीकों को मंजूरी मिलने की खबरों और विश्व में इससे निपटने के लिए खरबों डॉलर खर्च किए जाने के बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास स्थिति बेहतर करने का एक अनूठा मौका है." उन्होंने कहा, "विश्व नेतृत्व के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर देख रहा है. यह बहुपक्षवाद की परीक्षा है."
दो दिवसीय इस विशेष सत्र में बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और बोज़किर के भाषण के बाद करीब 140 से अधिक देशों के नेता तथा मंत्री सत्र को संबोधित करेंगे. सत्र को संबोधित करने वालों की सूची में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और यूरोपीय संघ के प्रमुख चार्ल्स माइकल का नाम शामिल है. अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री एलेक्स एज़र इस उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करेंगे. शुक्रवार को ऑनलाइन तीन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला का पहले से रिकॉर्ड किया गया संबोधन चार दिसम्बर को इस सत्र में चलाया जाएगा. 'बायोटेक' के सह-संस्थापक यूगुर साहिन और ओज़ेल ट्यूरसी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में टीका विकसित कर रहे दल की प्रमुख सारा गिल्बर्ट और जीएवीआई (वैक्सीन गठबंधन) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सेथ बर्कले भी विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव गुतारेस सभी देशों और हर जगह के लोगों की जरूरत पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि सभी तक टीका पहुंच पाए. दुजारिक ने कहा, "टीके को एक 'वैश्विक जन सम्पत्ति' समझा जाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र माहासचिव के भाषण का यही आधार होगा."
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